सबलोग
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May- 2020 -21 Mayसृजनलोक
चार कविताएँ : पूजा यादव
पूजा यादव पूजा यादव, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,वाराणसी,के हिन्दी विभाग की शोधार्थी हैं। प्रकृति और प्रकृति के समानधर्मी स्त्री के प्रति विशेष लगाव रखने वाली पूजा को कहानी लिखने,संगीत सुनने और स्केचिंग में दिलचस्पी है। py014886@gmail.com पूजा यादव ने अभी…
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20 Mayसमाज
एक नयी मानवता, एक नयी दुनिया
ओवेई लाकंफा कल्पना कीजिए की आप 681 लोगों के साथ एक समुद्री जहाज में हैं और आपको पता चलता है कि उनमें से कुछ लोग एक ऐसे तेजी से संक्रमित होनेवाले वायरस के सम्पर्क में आये हैं, जिसका…
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20 Mayमीडिया
भारतीय मीडियाः गरिमा बहाली की चुनौती
संजय द्विवेदी भारतीय मीडिया का यह सबसे त्रासद समय है। छीजते भरोसे के बीच उम्मीद की लौ फिर भी टिमटिमा रही है। उम्मीद है कि भारतीय मीडिया आजादी के आन्दोलन में छिपी अपनी गर्भनाल से एक बार…
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19 Mayसप्रेस फीचर्स
उत्तम खेती, मध्यम बान : निकृष्ट चाकरी, भीख निदान
कृष्ण गोपाल व्यास कोरोना की चपेट में आए लाखों-लाख श्रमिकों की बदहवास गाँव-वापसी इशारा कर रही है कि खेती में आज भी काफी संभावनाएँ है। क्या यह बात हमारे नीति-नियंता, सत्ताधारी और नौकरशाह समझ पाएँगे? क्या ‘कोरोना-बाद’ का…
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18 Mayमुद्दा
क्रीमी लेयर आरक्षण का लाभ नीचे नहीं जाने दे रहा – सुप्रीम कोर्ट
प्रेमपाल शर्मा पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय (22 अप्रैल, 2020 ) की मुख्य बातें: आरक्षण की पात्रता सूची एससी, एसटी, ओबीसी की समीक्षा होनी चाहिए ताकि नीचे तक इसका लाभ पहुँच सके। इन सभी वर्गों की सत्ता में…
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18 Mayसप्रेस फीचर्स
विकास की प्राथमिकताओं को बदलने की जरूरत
नरेन्द्र चौधरी कोरोना वायरस के इस दौर में अब ‘कोरोना के बाद क्या’ का सवाल खासा चर्चित होने लगा है। औद्योगिक श्रमिकों की थोकबंद घर-वापसी और कई-कई सालों के लिए भरपूर राष्ट्रीय अन्न भंडार ने प्राथमिकताओं के सवाल…
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18 Mayअंतरराष्ट्रीय
चायनीज़ मार्केट से निकास की तैयारी और आर्थिक राष्ट्रवाद
भूपेन्द्र हरदेनिया वैश्विक महामारी के जिम्मेदार चीन का उद्देश्य अपने प्रतिद्वन्द्वी देशों की अर्थव्यवस्था को चौपट कर उनके आर्थिक ढाँचे को अपने नियंत्रण में करना था, लेकिन समय रहते उसके नापाक इरादों का पटाक्षेप हो गया और सम्पूर्ण…
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18 Mayमीडिया
संकट में है पत्रकारिता की पवित्रता
संजय द्विवेदी भारतीय मीडिया अपने पारम्परिक अधिष्ठान में भले ही राष्ट्रभक्ति, जनसेवा और लोकमंगल के मूल्यों से अनुप्राणित होती रही हो, किन्तु ताजा समय में उस पर सवालिया निशान बहुत हैं। ‘एजेंडा आधारित पत्रकारिता’ के चलते समूची मीडिया…
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9 Mayसप्रेस फीचर्स
माहवारी में उलझी महिलाओं की समस्या
हेमलता म्हस्के शरीर की जिस खासियत के कारण महिलाएँ पीढियों को रचती हैं, उस पर आम समाज का क्या रुख है? बेहद शर्मनाक है कि खुद को आधुनिक, प्रगतिशील कहने वाला समाज आज भी महिलाओं की माहवारी की…
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9 Mayमीडिया
पत्रकारिता के अधिष्ठात्रा हैं देवर्षि नारद
लोकेन्द्र सिंह भारतीय परम्परा में प्रत्येक कार्यक्षेत्र के लिए एक अधिष्ठात्रा देवता/देवी का होना हमारे पूर्वजों ने सुनिश्चित किया है। इसका उद्देश्य प्रत्येक कार्यक्षेत्र के लिए कुछ सनातन मूल्यों की स्थापना करना ही रहा होगा। सनातन मूल्य अर्थात्…
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