सबलोग
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Mar- 2020 -26 Marchआवरण कथा
भारतीय मूल्यदृष्टि का वर्तमान
रमेश चन्द्र शाह भारत के सामाजिक इतिहास की लय-गति पश्चिम से बहुत अलग है। वहाँ ‘राज्य’ यानि स्टेट की भूमिका बहुत प्रबल है और सत्ता-संघर्ष भी बहुत उग्र रहा। तर्क-बुद्धि को वहाँ शुरू से ही निर्णायक महत्व मिला है, मगर साथ ही, धर्म विश्वास…
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25 Marchसबलोग पत्रिका
सबलोग मार्च 2020 : भारत और भारतीयता
भारत और भारतीयता पढ़ने के लिए नीचे पत्रिका पर क्लिक करें और कुछ पल इंतज़ार करें|
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23 Marchशख्सियत
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के स्मृति में विशेष
नीरज सिंह 23 मार्च 1931 को अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर जेल में, जेल के नियमों को ताक पर रखकर प्रातः काल की बजाय सांय 7.00 बजे फांसी दे दिया गया। भगत सिंह को…
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22 Marchशख्सियत
ग्राम्य कथा शिल्पी – शिवमूर्ति
रविशंकर सिंह कथाकार शिवमूर्ति को रेणु अनुवर्ती या परवर्ती कथाकार कहकर उनके कथा कौशल के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। हर साहित्यकार अपने युग की समस्याओं की जटिलताओं से मुठभेड़ करता है । हर युग की…
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22 Marchचर्चा में
नोवेल कोरोना वायरस से स्वयं भी सजग रहें व ग्रामीणों को भी जागरूक करें
पुरुषोत्तम गुप्ता नोवेल कोरोना वायरस आज विश्व के लिए बड़ी चुनौती है। कोरोना एक तरह का संक्रामक वायरस है, जिसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के जरिये फैलता है। कोरोना से सम्बन्धित जानकारी के लिए भारत सरकार…
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21 Marchबिहार
नयी राजनीति का प्रयोगशाला बनेगा बिहार
कुमार कृष्णन तकरीबन पिछले एक दशक से खुद को राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में स्थापित कर चुके प्रशांत किशोर पिछले दो वर्षों से कुछ और करने की ठान चुके हैं, और शायद इसी छटपटाहट का परिणाम था उनके…
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20 Marchसामयिक
कोरोना
शंकर नाथ झा ब्रह्माण्ड में घटित होने वाली सबसे महत्वपूर्ण घटना चौदह बिलियन वर्ष पूर्व घटित हुई थी जब बिग बैंग घटित हुआ था तो दूसरी सबसे महत्वपूर्ण घटना थी वायरस की उत्पत्ति| यह पूर्ण रूप से जीवन…
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19 Marchआवरण कथा
क्या भारतीयता एक खोया स्वप्न है
शम्भुनाथ क्या भारतीयता में अब कोई आकर्षण नहीं बचा है? क्या यह अन्धों का हाथी है? यदि देखा जाय, भारतीयता को एक कल्पित चिन्तन माना गया या इसे ‘हिन्दुकरण’ में सीमित कर दिया गया| कई बुद्धिजीवियों को यह…
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18 Marchमुद्दा
क्या क्या कागज दिखाएँ
यादवेन्द्र कितने निर्दोष और सरल हैं ये लोग जो थोड़े थोड़े अंतराल पर चुपके से यह बुदबुदा देते हैं कि नागरिकता संशोधन विधेयक पर कभी मन्त्रिमण्डल में बात ही नहीं हुई – राष्ट्रपति से लेकर देश के प्रधान…
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18 Marchदेश
सबसे पहले भारत
प्रो. संजय द्विवेदी हमारे सामाजिक विमर्श में इन दिनों भारतीयता और उसकी पहचान को लेकर बहुत बातचीत हो रही है। वर्तमान समय ‘भारतीय अस्मिता’ के जागरण का समय है। साथ ही यह ‘भारतीयता के पुर्नजागरण’ का भी समय…
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