गैर कांग्रेसवाद का सपना
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चर्चा में
दिशाहीनता काँग्रेस को ले डूबेगी
वर्तमान काँग्रेस में न आदर्श की प्रेरणा बची है, न संघर्ष की क्षमता। केंद्र में सत्ता-वापसी दूर खिसकती जा रही है और राज्यों में जनाधार सिकुड़ता जा रहा है। परिणामस्वरूप संगठन पर नेतृत्व का प्रभाव घट रहा है…
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शख्सियत
आज गांधी के बाद लोहिया ही सबसे ज्यादा प्रासंगिक है
महापुरूषों की स्मृति और मूल्यांकन से ही कोई समाज ऊर्जा ग्रहण कर निखर सकता है। गांधी जी के बाद डॉक्टर राममनोहर लोहिया ही सबसे प्रखर विचारक-चिंतक रहे हैं। अपनी धरती-मिट्टी, उसकी सुगंध से जुड़े हुए है। छिटपुट लेखन-भाषण, सभा-गोष्ठियों…
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