मणीन्द्र नाथ ठाकुर
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जम्मू-कश्मीर
कश्मीर का बिखरता समाज
पुलवामा की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। लेकिन आज की यह अकेली घटना नहीं है। अभी-अभी न्यूज़ीलैंड में जिस तरह से मस्जिद के अन्दर जाकर निरीह और निरपराध लोगों को मारा गया, फ़्रांस में जिस…
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आँखन देखी
ऐसे भी जीते हैं लोग
पिछले दिनों पुणे की एक संस्था ‘लोकायत’ ने गाँधी पर एक व्याख्यान देने के लिए मुझे आमन्त्रित किया था. इस व्याख्यान के बहाने मुझे पहली बार पुणे जाने का मौक़ा मिला. इस शहर के बारे में मेरी उत्सुकता काफ़ी…
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आँखन देखी
जनतंत्र की किस्सागोई
भारतीय समाज को यदि समझना है तो समाजशास्त्रियों को लोगों से चुनाव के समय बातें करनी चाहिए, क्योंकि उस समय हर कोई राजनीति और समाज के बारे में बात करने के मूड में होता है। आप एक सवाल करेंगे,…
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