
बिहार विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आज आने वाला है। दो चरणों में हुए मतदान के बाद आज 14 नवंबर को नई सरकार चुनने के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। ऐसे में दोपहर तक यह साफ हो जाएगा कि बिहार में इस बार सीएम की गद्दी पर कौन बैठेगा ?
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। चुनाव प्रचार में सभी राजनीतिक पार्टियों ने बिहार की जनता को विश्वास दिलाया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आएगी तो प्रदेश का विकास होगा। हालांकि आज नतीजे सामने आने के बाद ही ये पता लग पाएगा कि जनता ने किसे अपना मुख्यमंत्री चुना है।
दो चरणों में हुई थी वोटिंग
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोटिंग दो चरणों में 11 नवंबर को संपन्न हो चुकी है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को हुआ और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को बिहार के 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर कराया गया। बिहार की जनता ने मतदान में बढ़ -चढ़कर हिस्सा लिया।
एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला
मतदान पूरा होने के साथ सभी की निगाहें एग्जिट पोल पर टिकी हुई थीं। अधिकतर एग्जिट पोल में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया। ऐसे में एनडीए खेमे में उम्मीद की किरण जागती हुई दिखाई दे रही है। वहीं महागठबंधन की घटक पार्टियों को भी भरोसा है कि वह सत्ता में लौटेंगी और रिजल्ट उनके पक्ष में आएगा। हालांकि असल तस्वीर आज 14 नवंबर को वोटों की गिनती खत्म होने के बाद ही साफ हो पाएगी।
आज चुनाव परिणाम से यह तय हो जाएगा कि बिहार में एनडीए की सरकार की वापसी होगी या महागठबंधन सत्ता में आएगा। बिहार चुनाव में इसबार मुख्य रूप से मुकाबला जनता दल-यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के बीच है। हालांकि इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) की मौजूदगी कई सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है।
सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतगणना
सुबह 8 बजे से राज्य के सभी 38 जिलों में स्थापित 46 केंद्रों में मतगणना जारी है। अब नतीजे सामने आने के बाद ये पता लग जाएगा कि बिहार की जनता ने किसे अपना मुख्यमंत्री चुना है? अगर एनडीए को बहुमत मिलता है तो नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। वहीं अगर महागठबंधन इस चुनाव में जीत हासिल करता है तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे।
नीतीश कुमार ने कब- कब संभाली बिहार की कमान ?
दिलचस्प बात ये है कि पिछले दो दशकों में गठबंधन चाहे कितने बदले हो, लेकिन सत्ता की चाबी हमेशा नीतीश कुमार के ही पास रही है। आइए जानते है नीतीश कुमार ने कब -कब बिहार की कमान संभाली ?
पहली बार साल 2000 में मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संस्थापक नीतीश कुमार पहली बार साल 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने। लेकिन उस समय बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण उन्हें सिर्फ 7 दिन में ही मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इसके बाद नवंबर 2005 में उन्होंने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2010 में वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। फिर साल 2014 के लोकसभा चुनाव में JDU का प्रदर्शन खराब रहा था, इसके बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन 2015 में विधानसभा चुनावों से पहले वे एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। ये उनका चौथा कार्यकाल था।
2015 में लालू-नीतीश का महागठबंधन
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में बिहार की राजनीति ने नया मोड़ लिया। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा। जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को बड़ी जीत मिली। राजद को 80, जदयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं। एनडीए को महज 58 सीटें मिलीं। नीतीश एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। हालांकि शपथ लेने के 20 महीने बाद साल 2017 में लालू परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते नीतीश ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया।
इसके बाद वह दोबारा एनडीए में शामिल हुए और बीजेपी के समर्थन से वे अगले ही दिन फिर से मुख्यमंत्री बन गए थे। यह उनका छठा कार्यकाल था। साल 2020 में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से सत्ता में आ गए। यह उनका सातवां कार्यकाल था। लेकिन अगस्त 2022 में उन्होंने एक बार फिर इस्तीफा दिया, फिर वे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ गठबंधन करके आठवीं बार मुख्यमंत्री बने। लेकिन जनवरी 2024 में उन्होंने फिर से पाला बदल लिया। इसके बाद वह BJP के समर्थन से नौवीं बार मुख्यमंत्री बन गए।










