बरखोडिया मेलियाई: कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक वायरस
एक ओर जहाँ पूरी दुनिया सवा साल से भी ज्यादा समय से कोरोना महामारी से त्रस्त है और कोरोना वायरस दुनियाभर में अब तक कई लाख लोगों की बलि ले चुका है, वहीं इसी अवधि के दौरान दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुछ और वायरसों का संक्रमण भी लगातार चुनौती पेश करता रहा है। कभी हंता वायरस तो कभी बर्ड फ्लू का खौफ या ऐसे ही कुछ और वायरसों का खौफ इंसानों को रह-रहकर डराता रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में मिले ‘बरखोडिया मेलियाई’ नामक खतरनाक वायरस ने नया खौफ पैदा किया है। दरअसल जानवरों में मिलने वाला यह खतरनाक वायरस बड़ी आसानी से जानवरों से इंसानों में फैल सकता है और पशु चिकित्सकों के मुताबिक यह वायरस पूरी दुनिया को भयाक्रांत करने वाले कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है। एक ओर जहाँ पिछले कुछ दिनों से देशभर में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति काफी खतरनाक होती जा रही है, जहाँ चंद दिनों के भीतर प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या एक लाख का आंकड़ा पार करने लगी है, ऐसे बुरे दौर में विभिन्न वायरसों या बीमारियों का सामने आना चिंता की स्थिति पैदा करता है।
जहाँ तक भारत में ‘बरखोडिया मेलियाई’ नामक खतरनाक वायरस मिलने की बात है तो यह वायरस हाल ही में मिला उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के कर्नलगंज कस्बे में, जहाँ एक घोड़े के अंदर यह खतरनाक वायरस मिलने की पुष्टि होने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इस वायरस से घोड़े के संक्रमित पाए जाने के कारण ही इस वायरस को ‘घोड़ा वायरस’ के नाम से भी जाना जा रहा है। चूंकि घोड़े में पाया गया यह वायरस जानवरों से इंसानों में आसानी से फैल सकता है, इसीलिए प्रशासन को तुरंत मुस्तैद होना पड़ा और संक्रमित घोड़े को मौत की नींद सुलाने के बाद पशुपालन विभाग द्वारा आसपास के सभी पालतू जानवरों की जाँच का अभियान शुरू किया गया है ताकि किसी अन्य जानवर में यह वायरस पाए जाने की स्थिति में इसे फैलने से पहले ही इस पर नियंत्रण किया जा सके।
गौरतलब है कि गत दिनों गोंडा जिले में कर्नलगंज कस्बे के बमपुलुस निवासी ईदु नामक व्यक्ति के दो घोड़ों की तबीयत अचानक काफी खराब हो गयी थी, जिसके बाद उनके इलाज के लिए वह उन्हें कस्बे के पशु अस्पताल में ले गया। जब पशु चिकित्सकों ने घोड़ों का इलाज शुरू करने से पहले दोनों घोड़ों के कुछ नमूने लेकर बीमारी की पहचान के लिए उन्हें हरियाणा में हिसार एनआरसी लैब में भेजा तो जाँच रिपोर्ट से पता चला कि दोनों में से एक घोड़ा ‘ग्लैंडर्स’ नामक खतरनाक बीमारी से ग्रसित है, जो काफी खतरनाक माने जाने वाले बरखोडिया मेलिया़ई वायरस के कारण होती है। रिपोर्ट में इस वायरस का नाम सामने आते ही पशु अस्पताल में हड़कंप मच गया और संक्रमित घोड़े से संक्रमण फैलने से रोकने के लिए आनन-फानन में पशुपालन विभाग द्वारा घोड़े को मौत की नींद सुलाने की योजना बनाई गयी। तत्पश्चात् पीपीई किट पहनकर पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने बहुत ही सावधानीपूर्वक संक्रमित घोड़े को नगर से बाहर ले जाकर पहले बेहोशी का इंजेक्शन दिया और उसके बाद उसे जहर का इंजेक्शन देकर मौत की नींद सुलाने के बाद जेसीबी द्वारा गड्ढा खुदवाकर जमीन में दफना दिया गया।
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ‘बरखोडिया मेलियाई’ से संक्रमण का यह मामला सामने आने के बाद न केवल इलाके के अन्य सभी जानवरों की जाँच और सैम्पलिंग तेजी से कराई जा रही है बल्कि संक्रमित घोड़े के सम्पर्क में आने वाले अन्य लोगों की भी निरन्तर जाँच की जा रही है ताकि वायरस अन्य जानवरों तथा जानवरों से इंसानों में फैलकर एक और महामारी का कारण न बनने पाए। दरअसल पशु विशेषज्ञों के मुताबिक इस वायरस के अन्य मवेशियों में फैलने का खतरा बना हुआ है और इस वायरस से होने वाली ‘ग्लैंडर्स’ नामक बीमारी कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार बरखोडिया मेलियाई वायरस फैलने पर यह कोरोना से भी कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इंसानों में यह संक्रमण तेजी से फैलता है, इसीलिए कोरोना के बाद इस बीमारी के लोगों के लिए बड़ा खतरा बनने की आशंका विशेषज्ञों को चिंता में डाल रही है। इसी कारण संक्रमित घोड़े का मामला सामने आते ही संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उसे तुरंत मारकर दफन कर दिया गया और अन्य जानवरों की जाँच और सैम्पलिंग की जा रही है। घोड़ों सहित कुछ अन्य जानवरों में पाई जाने वाली ‘ग्लैंडर्स’ नामक बीमारी बरखोडिया मेलियाई वायरस जनित ऐसी बीमारी है, जिसमें जानवर की आंखों और नाक से पानी आने के साथ ही उनके शरीर पर गांठ और चकत्ते पड़ जाते हैं। ऐसे संक्रमित जानवर के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों के भी बड़ी आसानी से इस वायरस के शिकार होने की आशंका रहती है। किसी व्यक्ति में इस वायरस का संक्रमण होने पर शुरूआती दौर में छाती में दर्द, नाक तथा मुंह से पानी आना, सांस लेने में तकलीफ जैसे समस्याएं उत्पन्न होती हैं और संक्रमण बढ़ने पर संक्रमित व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो सकती है। बहरहाल, कोरोना के इस भयावह दौर में बरखोडिया मेलियाई जैसा वायरस नुकसान न पहुंचा सके, इसलिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
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