सबलोग
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Sep- 2018 -23 Septemberचर्चा में
एन ईवनिंग इन पेरिस-डील, डीलर और पीएम मोदी…
sablog.in डेस्क – एफ़िल टावर के नीचे बहती सीन नदी की हवा बनारस वाले गंगा पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पेरिस की शाम का हिसाब मांगने आ गई हैं। 10 अप्रैल 2015 की पेरिस यात्रा सिरे से संदिग्ध हो गई…
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12 Septemberसाहित्य
स्मृति शेष – उस पागल चंदर को कैसे भूले कोई…
sablog.in – पूरा तो याद नहीं, लेकिन जिले का नाम भागलपुर था, अब वहां किस लेखक का घर था, यह याद नहीं। हां, इतना याद है कि वो सर्दी की रात के अंधेरे में आम के पेड़ के नीचे कुछ…
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4 Septemberअंतरराष्ट्रीय
हंसने से रास्ते कटने वाले नहीं हैं!
चढ़ रहे हैं. चढ़ने की होड़ लगी है. चढ़े जा रहे हैं. लगातार. कितना चढ़ेंगे? किसी को पता नहीं. कब तक चढ़ेंगे? नहीं जानते. बस चढ़े जा रहे हैं. ऊपर. और ऊपर. मानों रेस लगी है. कौन कितना ऊपर चढ़…
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Aug- 2018 -16 Augustआवरण कथा
पूर्व पीएम अटल जी का 93 साल की उम्र में निधन…
sablog.in डेस्क – पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में निधन। पिछले नौ सप्ताह से एम्स में दाखिल थे अटल बिहारी वाजपेयी। पिछले 48 घंटे से एम्स में लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर थे वाजपेयी। वाजपेयी जी एक प्रखर पत्रकार,…
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10 Augustसाहित्य
वो आखिरी शब्द… अलविदा दिल्ली… अब नहीं लौटना तुम्हारे आंगन में…
sablog.in डेस्क : अगस्त का महीना था। मॉनसून अपने शबाब पर था। खिड़की के बाहर रिमझिम बूंदें धरती पर थपाथप गिर रही थी और बूंदों के बीच ना जाने रोहन की आंखें क्या तलाश कर रही थी। उमस भरी दिल्ली की…
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10 Augustदिल्ली
SYL नहर : पानी भले नहीं बही… बेधड़क बह रही राजनीति…
sablog.in डेस्क :- SYL (सतलज-यमुना लिंक) नहर। हरियाणा-पंजाब के बीच की नहर। करीब छह दशक हो गए, नहर में पानी तो नहीं बही, लेकिन राजनीति बदस्तूर जारी है। नेताओं की बयानबाजी नहर में बह रही है। जनता के सूखे हलक…
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5 Augustआवरण कथा
जीत में, आश्चर्य में, डर में भी, खामोश नहीं रहती पत्रकारिता…
सबलोग डेस्क ये रास्ता कहां जाता है?… जी हां, यह सवाल आप से है, आप उन दर्शकों से जो टीवी स्क्रीन पर डिबेट के नाम पर हंगामा करने वाले एंकर्स के बहाने सवालों के खोखले तर्क-कुतर्क ढूंढने में…
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4 Augustसिनेमा
कारवां- खुद को खुद से पाने की यात्रा का सफल अंज़ाम
‘वक्त तो रेत है फिसलता ही जायेगा, जीवन एक कारवां है चलता चला जायेगा, मिलेंगे कुछ खास इस रिश्ते के दरमियां, थाम लेना उन्हें वरना कोई लौट के न आयेगा।’ शुक्रवार की रिलीज़ ‘कारवां’। आकर्ष खुराना की फिल्म। निर्देशन के…
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3 Augustचर्चा में
हमारे समय के समाज में विकल्प हैं क्या?
sablog.in समय के अलग अलग दौर होते हैं और हर दौर में समय के मायने बदल जाते हैं. हमारे समय के समाज में कुछ खास प्रवृत्तियां दिखाई दे रहीं हैं जो समाज की गहरी दरारों की तरफ इशारा कर रही…
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2 Augustचर्चा में
मास्टर स्ट्रोक अब बिना बाधा के आएगा, मास्टर (पुण्य प्रसून वाजपेयी) नहीं दिखेगा
#एबीपीन्यूज़ में पिछले 24 घंटों में जो कुछ हो गया, वह भयानक है. और उससे भी भयानक है वह चुप्पी जो फ़ेसबुक और ट्विटर पर छायी हुई है. भयानक है वह चुप्पी जो मीडिया संगठनों में छायी हुई है. मीडिया…
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