महेश कुमार
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Oct- 2021 -30 Octoberपुस्तक-समीक्षा
नागरिकता के अर्थ की तलाश है ‘एक देश बारह दुनिया’
हाल के कुछ वर्षों में जनपक्षधर पत्रकारिता से जुड़े जो जीवन्त रिपोर्ताज प्रकाशित हुए हैं, उनमें की ‘एक देश बारह दुनिया’ का विशेष महत्व है। यह पुस्तक 2021 में राजपाल एंड संस से प्रकाशित हुई है। हिन्दी पत्रकारिता की…
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10 Octoberसामयिक
ग्लोबल शोषण के खिलाफ ग्लोबल संघर्ष की प्रस्तावना है ‘ग्लोबल गाँव के देवता’
रणेन्द्र का यह उपन्यास अपने कथानक में स्थानीय से ग्लोबल होते हुए आदिवासियों पर हुए अत्याचार का ऐतिहासिक विवरण देता चलता है जिसकी कड़ी सखुआपाट से होते हुए ट्रेल्स ऑफ फियर, पोकाहांतस तक जुड़ता है। दरअसल इस उपन्यास के…
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