कैलाश केशरी
-
Nov- 2024 -17 Novemberझारखंड
झारखण्ड में बांग्लादेशी घुसपैठ: एक गम्भीर खतरा और चुनौती
भारत, विशेषकर झारखण्ड के संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा बीते कुछ वर्षों में तीव्रता से बढ़ा है। यह न केवल क्षेत्रीय जनसांख्यिकी को प्रभावित कर रहा है, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने को भी गम्भीर…
Read More » -
7 NovemberUncategorized
महापर्व छठ पूजा: आस्था, प्रकृति, और सामाजिक समरसता का अनूठा पर्व
छठ पूजा, भारतीय संस्कृति और परंपरा में विशेष महत्व रखता है। यह महापर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल के कुछ हिस्सों में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक अनुष्ठान का प्रतीक है बल्कि मानव…
Read More » -
Oct- 2024 -25 Octoberशख्सियत
कलाकार दिवस: पाब्लो पिकासो को समरण करने का दिन
हर वर्ष, 25 अक्टूबर को, दुनिया भर में कला प्रेमियों और कलाकारों के बीच पाब्लो पिकासो के जन्मदिन को एक विशिष्ट सम्मान के साथ मनाया जाता है। इस दिन को ‘कलाकार दिवस’ के रूप में मनाया जाना पिकासो की…
Read More » -
Jan- 2023 -10 Januaryझारखंड
संतालों का महान पर्व सोहराय
संताल परगना के आदिवासी विभिन्न मौसमों में भिन्न-भिन्न पर्व-त्यौहार मनाते हैं। जिनमें ‘बाहा’ एवं ‘सोहराय’ यहाँ के संतालों का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। संताल परगना में ‘बाहा’ पर्व बसंत ऋतु में तथा ‘सोहराय’…
Read More » -
Jun- 2022 -30 Juneसामयिक
शोषण, अत्याचार और आर्थिक असंतोष बना संताल विद्रोह
30 जून 1855 को संताल परगना में अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह शुरू हुआ। संताल विद्रोह का मुख्य कारण था महाजनों और साहूकारों के शोषण और अत्याचारों के खिलाफ संतालों का आर्थिक असंतोष। महाजनों और साहूकारों को दामिन-ए-कोह में…
Read More » -
20 Juneसेहत
दवाईयां बनी अभिशाप, योग मिटा रहा शरीर के रोग
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के सतत् प्रयास से पूरे विश्व में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह पूवर्क मनाया जाने लगा है जो भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमन्त्री स्वयं एक योगी पुरुष हैं अतएव वे योग…
Read More » -
Mar- 2022 -25 Marchसामयिक
मिड डे मिल और छात्रवृति के अलावे पढ़ाई भी अनिवार्य
समाजशास्त्रियों ने किसी भी राष्ट्र की तरक्की और विकास के लिए कुछ मानक तय किये हैं। जैसे जनसंख्या की स्थिति, गरीबी का स्त्तर, आर्थिक विकास, कृषिगत विकास, भूमि सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति, खाद्यान्न उत्पादन, औद्योगिकरण एवं शिक्षा में…
Read More » -
Feb- 2022 -21 Februaryसामयिक
मासूमियत पर डाका डालने से रोक सकता है संवेदनशील साहित्य
इक्कीसवीं सदी ने देश-दुनिया और समाज को बड़ी तेजी से बदला है। रहन-सहन, खान-पान यहाँ तक कि सम्पूर्ण जीवन शैली ही बदल गयी है। आज का बच्चा वह नहीं रहा, जो हम समझ रहे हैं। वस्तुतः समय हमेशा बदलता…
Read More » -
8 Februaryसामयिक
आसान नहीं दिख रहा वैश्विक बाल श्रम उन्मूलन की राहें
बाल श्रमिक एक ऐसा शब्द है जिसके जिह्ना पर आते ही एक ऐसी तस्वीर आँखों के सामने तैरने लगती हैं जो अन्तर्मन में करूणा जगा जाती है। चकाचैंध की दुनिया से बेखबर ढीला ढाला कुर्ता पहने नन्हें बच्चें अपने…
Read More » -
Jan- 2022 -26 Januaryसामयिक
एक बार और लड़नी होगी आजादी की सच्ची लड़ाई
भारतीय जनता में अंग्रेज शासकों के प्रति विद्रोह उनके आगमन के साथ ही शुरू हो गया था। आजादी के सभी मतवाले अपनी मातृभूमि को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराना चाहते थे। इनमें सवर्ण भी थे और…
Read More »