
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद आज यानी 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान नीतीश कुमार ने 10वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सीएम के साथ- साथ आज 26 मंत्रियों ने भी शपथ ली। लेकिन इन 26 मंत्रियों में सबसे ज्यादा चर्चा दीपक प्रकाश की हो रही है। बिना चुनाव लड़े नीतीश सरकार की नई कैबिनेट में जगह बनाने वाले दीपक प्रकाश कौन है, चलिए उनके बारें में जानते है।
इस बार बिहार में नवगठित नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में बड़े राजनीतिक उलटफेर का नजारा देखने को मिला है। मुख्यमंत्री के साथ मंत्री पद की शपथ लेने वाले 25 नेता ऐसे थे, जो बिहार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने और अब उन्हें नई कैबिनेट में जगह मिली है। लेकिन दीपक प्रकाश बिना विधायक बने सीधा कैबिनेट मंत्री बन गए।

दरअसल, दीपक प्रकाश राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं। दीपक ने बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। लेकिन सीट बंटवारे के दौरान हुए समझौतों के तहत उन्हें विधान परिषद कोटे से मंत्री बनाया गया है।
बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा का नाम लंबे समय से चर्चित रहा है। उपेंद्र कुशवाहा इस समय राज्यसभा सदस्य हैं। जबकि उनकी पत्नी स्नेहलता विधायक हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रलोमो ने कुल 6 सीटों पर चुनाव लड़ा और इसमें से 4 सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन जब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटों का बंटवारा हुआ तो उस समय उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नाराजगी व्यक्त की।
जानकारी के मुताबिक सीटों के बंटवारे के दौरान उपेंद्र कुशवाहा 15 से अधिक सीटों की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें सिर्फ 6 सीटें मिली थीं। इसके बाद वह दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिले और उन्होनें अपनी नाराजगी जाहिर की। बताया जा रहा है कि इस दौरान एनडीए नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा को 6 सीटों के साथ-साथ एक एमएलसी पद भी ऑफर किया था। इसी ऑफर के बाद कुशवाहा एनडीए में 6 सीटों पर सहमत हुए थे, और अब इसी एमएलसी कोटे से उनके बेटे मंत्री बने हैं।

विदेश से पढ़ाई करके भारत लौटे दीपक प्रकाश
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपक प्रकाश ने 2011 में सिक्किम मणिपाल से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग किया। इसके बाद दो साल सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी भी की। दीपक प्रकाश हाल ही में विदेश से पढ़ाई करके भारत लौटे हैं। उनके बारें में फिलहाल ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी सदन (विधान सभा या विधान परिषद) का सदस्य नहीं है, तो 6 महीने तक बिना MLA/MLC बने वो मंत्री रह सकता है। इन 6 महीनों के भीतर उसे किसी एक सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है। यदि वह 6 महीने में MLA/MLC नहीं बन पाता, तो उसे मंत्री पद छोड़ना पड़ता है।
लेकिन उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए नेताओं से पहले ही यह सुनिश्चित कर लिया था कि उनकी पार्टी को एक एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) सीट दी जाएगी। इसी एमएलसी कोटे के माध्यम से अब उनके बेटे दीपक प्रकाश मंत्री बने हैं।
किस पार्टी के कितने मंत्री बने ?
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 सीटों में से 202 सीटों पर जीत हासिल की। जिसके बाद पूर्ण बहुमत के साथ एक बार बिहार में एनडीए की सरकार बन गई है। आज 20 नवंबर को नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। पटना के गांधी मैदान में उन्होनें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही बीजेपी के 14, जदयू के 8, लोजपा के 2, हम और आरएलएम से 1-1 मंत्री बने।










