
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने मौत की सजा सुनाई है। सोमवार को ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने ‘मानवता के खिलाफ अपराधों’ के मामले में शेख हसीना को दोषी ठहराया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई है। ICT के इस फैसले के बाद अब बांग्लादेश के अंतरिम पीएम मोहम्मद यूनुस ने भारत से शेख हसीना को डिपार्ट करने की भी मांग की है।
वहीं इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के इस फैसले को लेकर शेख हसीना ने कहा कि उनके खिलाफ आया ये फैसला गलत, पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित है। उन्होनें कहा कि जिस ट्रिब्यूनल ने ये फैसला दिया है उसे एक गैर-निर्वाचित सरकार चला रही है, जिसके पास जनता का कोई जनादेश नहीं है।
क्या है पूरा मामला ?
बांग्लादेश में पिछले साल यानि 2024 के जुलाई- अगस्त महीने में कोटा सुधार को लेकर छात्र आंदोलन हुआ था। बाद में ये आंदोलन हिंसक हो गया और अचानक पूरे देश में फैल गया। उस समय शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थी। हालात को काबू करने के लिए हसीना सरकार को बल प्रयोग करना पड़ा। जिसके बाद सुरक्षाबलों और छात्रों के बीच टकराव हुआ। इस दौरान करीब 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए।
2024 में भारत आ गई थीं शेख हसीना
बांग्लादेश में ये आंदोलन हिंसक हो गया था और हालात बिगड़ते देख 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट के बाद शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमान खान ने देश छोड़ दिया था। पिछले 15 महीने से शेख हसीना भारत में रह रही है।
शेख हसीना के बांग्लादेश को छोड़ने के बाद क्या- क्या हुआ ?
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद 8 अगस्त, 2024 को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ। अंतरिम सरकार ने कहा कि वह छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश में मुकदमा चलाएगी।
इसके बाद अंतरिम सरकार ने आईसीटी-बांग्लादेश का पुनर्गठन किया। ICT ने शेख हसीना को 5 मामलों में आरोपी बनाया था। आज 17 नवंबर, 2025 को बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को उनकी अनुपस्थिति में ‘मानवता के विरुद्ध अपराधों’ के जुर्म में दोषी ठहराया और फांसी की सजा सुनाई है।
सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया। वहीं दूसरे आरोपी पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी हत्याओं का दोषी माना और फांसी की सजा सुनाई। वहीं तीसरे आरोपी पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-ममून को 5 साल जेल की सजा सुनाई गई।
शेख हसीना पर जो आरोप लगे है वो कौन- कौन से है ?
आरोप 1- हत्याओं का आदेश देना
आरोप 2- भड़काऊ भाषण देकर हिंसा कराना
आरोप 3- न्याय में बाधा डालना/ सबूत मिटाने की कोशिश
आरोप 4- छात्र अबु सईद की हत्या का आदेश देना
आरोप 5- चांखारपुल में 5 लोगों की हत्या कराना और उनकी लाशें जलाना
शेख हसीना को आरोप 1, आरोप 2 और आरोप 3 में दोषी पाया गया है। ऐसे में उन्हें पहले और दूसरे आरोपों में मौत की सजा मिली। बाकी मामलों में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।










