देशहरियाणा

हरियाणा के मुख्य सचिव का बैंकों को सख्त निर्देश, ऋण वितरण को लेकर कही ये बात

हरियाणा में आज राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 174वीं बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने की। इस दौरान बैंकिंग प्रगति की समीक्षा की गई और मुख्य सचिव ने ऋण वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होनें कहा कि लाभार्थियों के ऋण स्वीकृति और वास्तविक वितरण के बीच की खाई को तुरंत पाटना आवश्यक है।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने बैंकों से अपनी नीतियों की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने को कहा। उन्होनें कहा कि किसानों सहित सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर तथा पर्याप्त मात्रा में ऋण उपलब्ध कराया जाए।

उन्होनें वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सहयोग प्रदान करने में बैंकों और सरकारी विभागों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण तथा आकांक्षी ब्लॉकों में वित्तीय सेवाओं की अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बैंकों और जिला प्रशासन के बीच निरंतर समन्वय आवश्यक है।

मुख्य सचिव ने सभी बैंकों से अप्रयुक्त सरकारी जमा राशि का विस्तृत ब्यौरा देने के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में एक समग्र रिपोर्ट वित्त आयुक्त एवं सचिव को प्रस्तुत की जाए। इसके अलावा बैठक में बैंक प्रतिनिधियों के साथ प्रमुख परिचालन मुद्दों पर चर्चा की और वित्तीय पहुंच एवं दक्षता में सुधार हेतु ठोस सुझाव साझा किए गए।

इसके साथ ही ‘योर मनी योर राइट’ अभियान के तहत 825 निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय किया गया और 2.87 करोड़ रुपये से अधिक राशि सही लाभार्थियों को लौटाई गई। यह पहल नागरिकों को उनके भूले-बिसरे जमा धन से जोड़ने में प्रभावी साबित हो रही है।

बैठक में बताया गया कि राज्य का बैंकिंग क्षेत्र निरंतर मजबूत वृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है। सितंबर 2025 तक राज्य में कुल जमा राशि 8,68,918 करोड़ रुपये तथा अग्रिम ऋण 7,69,537 करोड़ रुपये रहा। जमा में 12.48 प्रतिशत और अग्रिमों में 14.36 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जो हरियाणा की सशक्त आर्थिक गतिविधियों और व्यापक ऋण प्रवाह को दर्शाती है।

राज्य का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात 87 प्रतिशत से बढ़कर 89 प्रतिशत हो गया है, जो राष्ट्रीय औसत 60 प्रतिशत से काफी अधिक है। सभी जिलों द्वारा इस लक्ष्य से बेहतर प्रदर्शन किया गया है, जिससे संतुलित एवं समावेशी ऋण प्रसार का संकेत मिलता है।

हरियाणा का बैंकिंग नेटवर्क बना मिसाल

वहीं हरियाणा का बैंकिंग नेटवर्क भी निरंतर विस्तार पर है। राज्य में बैंक शाखाओं की कुल संख्या बढ़कर 5,582 हो गई है, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र की 2,733, निजी क्षेत्र की 1,941, स्मॉल फाइनेंस बैंकों की 218 और हरियाणा ग्रामीण बैंक की 690 शाखाएँ शामिल हैं।

प्राथमिक क्षेत्र ऋण वितरण (प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग) में बैंकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अर्धवार्षिक लक्ष्य का 121 प्रतिशत प्राप्त किया। बैंकों द्वारा 1,56,572 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 1,89,741 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। कृषि क्षेत्र ने 99 प्रतिशत और एमएसएमई क्षेत्र ने 145 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया, जो लघु उद्यमों को सशक्त करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

बैठक में केंद्र प्रायोजित योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 30,754 आवेदकों ने कौशल प्रशिक्षण पूरा किया तथा बैंकों ने 7,000 से अधिक मामलों को स्वीकृति प्रदान की। पारंपरिक व्यवसायों के लिए 14,306 टूलकिट वितरित की गईं, जिससे कारीगरों को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिली है।

प्रधानमंत्री स्वनिधि 2.0 योजना (पीएम स्वनिधि) में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे प्रमुख बैंकों ने रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को ऋण वितरण में अग्रणी भूमिका निभाई है। वहीं प्रधानमंत्री सूर्या घर : मुफ्त बिजली योजना में प्रदेशभर में उत्साहजनक भागीदारी दर्ज हुई है। इसके तहत अब तक 34,799 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 42 प्रतिशत लाभार्थियों को राशि वितरित की जा चुकी है, जिससे परिवार सौर ऊर्जा की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

इसके अलावा कृषि अवसंरचना को मजबूत करने के लिए कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के तहत 931.8 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जो वार्षिक लक्ष्य का 61 प्रतिशत है।

डिजिटल बैंकिंग में भी अग्रणी बना हरियाणा

डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में भी हरियाणा अग्रणी बना हुआ है। राज्य में बचत और चालू खातों की 97 प्रतिशत से अधिक डिजिटल कवरेज प्राप्त की जा चुकी है। इसके अलावा, 18 बैंकों ने शत-प्रतिशत डिजिटलाइजेशन पूरा किया है, जिससे ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएँ और अधिक सुलभ एवं प्रभावी हुई हैं।

इस बैठक में वित्तीय समावेशन योजनाओं के शत-प्रतिशत कवरेज, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन, बिना बैंक शाखा वाले ग्रामीण क्षेत्रों में नई शाखाएँ खोलने तथा कमजोर वर्गों और छोटे किसानों को ऋण प्रवाह बढ़ाने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में राज्य के बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन का विस्तृत आकंलन करने के लिए विभिन्न बैंकों, सरकारी विभागों और वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

 

 

 

Show More

SABLOG

सबलोग : सच के साथ, सब के साथ * ISSN: 2277-5897
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Related Articles

Back to top button
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x