गाँधी जी
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सामयिक
गाँधी जी एवं सत्य और अहिंसा
कल (1 अक्टूबर) के ‘टेलिग्राफ’ में हिलाल अहमद का एक लेख ‘सत्याग्रह’ की बद्धमूल धारणा के संदर्भ में ‘एक संभावनापूर्ण हथियार’ (Potent Weapon) अपने तमाम संकेतों के साथ बहुत महत्वपूर्ण लेख था। उसे पढ़ते हुए ही आज गाँधी जयंती…
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एतिहासिक
आर्थिक समानता के लिये गाँधी की ट्रस्टीशिप
गाँधी के शब्दों में मै स्वराज हासिल करने के लिये प्रयासरत हूँ। उन जी-तोड़ मेहनत करने वाले और बेरोजगार लाखों करोड़ों लोगों के लिये, जिन्हे दिन में एकबार भी भरपेट खाना नसीब नही होता और बासी रोटी के एक…
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