साउथ सुपरस्टार पवन कल्याण की राह पर भोजपुरी स्टार पवन सिंह
लोकसभा चुनाव 2024 के समापन के बाद अब नई सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने की ओर अग्रसर है। अगले दो तीन दिन में इसका भी पटाक्षेप हो जाएगा और सभी अटकलों पर विराम भी लग जाएगा। देश भर में हुए चुनाव में सबसे सफल कोई पार्टी और नेता रहा वो है बिहार से चिराग पासवान और आंध्र प्रदेश से पवन कल्याण है। चिराग बिहार में पाँच सीटों पर चुनाव लड़कर सौ फीसदी ऐतिहासिक जीत हासिल की वहीं ठीक उसी प्रकार पवन कल्याण ने भी आंध्र विधानसभा में 21 और लोक सभा में 2 सीट जीत कर के राष्ट्रीय फलक पर अपना लोहा मनवा दिया।
इसके अलावा दो और प्रत्याशियों का बोलबाला रहा जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे एक राजस्थान तो दूसरा बिहार से और दोनों जगह हार का सामना करना पड़ा इन दोनों प्रत्याशियों को, अब आप सोच रहे होंगे ये दोनों प्रत्याशी कौन हैं? जी ये है राजस्थान से रवींद्र सिंह भाटी और दूसरे हैं भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह, जी हाँ वही पवन सिंह जिन्होंने अपना चुनाव तो हारा ही साथ-साथ बगल की चार सीट और भाजपा गठबंधन को हरवा दी। पवन सिंह खुद काराकाट से लड़े लेकिन आरा, बक्सर और औरंगाबाद जैसी सीटों पर NDA का समीकरण बिगाड़ दिया।
लेकिन अब भोजपुरी के पावर स्टार कहे जाने वाले पवन सिंह को लेकर एक और बड़ी खबर आ रही है कि अब वो एक नई विचारधारा के साथ एक नई पार्टी का गठन करेंगे जो आगामी बिहार विधान सभा, 2025 के चुनाव में भाग लेगी। पवन सिंह को इस बात का बोध हो गया है कि ‘अब खाली झमकवाला से ना होई’ ऐसा उनके निर्णयों से लग रहा है। इसी बात को अमल में लेते हुए पवन सिंह अब दक्षिण के सुपर स्टार श्री पवन कल्याण के तर्ज पर नई पार्टी का गठन करने जा रहे, जिसका संभवतः नाम भी उन्होंने घोषित कर दिया है जिसका नाम ‘सर्व समाज पार्टी’ है।
अब देखना है कि पहले से ही बिहार में दर्जनों पार्टी चुनाव में हिस्सा लेने की होड़ में जिसमें पप्पू यादव की पार्टी पहले ही कांग्रेस में विलय कर चुकी है और वो खुद पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने जन सुराज के मुहिम के साथ पूरे बिहार का दौरा कर रहे हैं और विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, अब देखना दिलचस्प होगा कि नए कलेवर नए मिजाज के साथ पावर स्टार पवन सिंह अपनी पार्टी कब लॉन्च कर रहे हैं बिहार में और कौन-कौन लोग इस मुहिम के साथ जुड़ रहे हैं। पवन सिंह के बारे में यह भी दावा किया जाता है और अक्सर अपने गानों के माध्यम से बताते भी रहते हैं वो अपने मन के राजा हैं।
पावर स्टार पवन सिंह की राजनीतिक पारी और चुनावी समझ अभी नई नई है लेकिन कराकत लोकसभा से चुनाव लड़ने के बाद पवन सिंह का यह हौसला बुलंद है और यह काबिले-ए-तारीफ है और उनके समर्थकों के लिए अच्छी खबर भी है। आसनसोल से लड़ने से इनकार के बाद पवन सिंह की छवि पर जो राजनीतिक दाग लगे थे और खुद पवन सिंह राजनीतिक वनवास मे चले गए थे, लेकिन पवन सिंह अपने पहले की गलतियों से सबक लेते हुए सबसे पहले अपने व्यक्तिगत जीवन की गलतियों को सुधारना शुरू किया जिसमें उन्होंने अपनी धर्मपत्नी ज्योति सिंह से सारे मतभेद मिटा कर उन्हे अपने साथ लाए जो चुनाव के समय दिखा भी कैसें उनकी पत्नी चुनाव में मदद कर रही थी और ये एक सुखद बात रही चुनाव में और इसका असर भी दिखा।
इस चुनाव में पवन सिंह पर से ये दाग भी हट गया। जिसका परिणाम ये रहा कि पवन सिंह पहली बार चुनाव लड़ कर 274723 वोट लाए और दूसरा स्थान प्राप्त किया। जिसके कारण एनडीए के बहुत मजबूत उम्मीदवार उपेन्द्र कुशवाहा को भी मोदी जी के जनसभा के बाद भी हार का सामना करना पड़ा और इंडी गठबंधन के राजाराम सिंह कुशवाहा 380581 मत पाकर चुनाव 105858 अंतर से जीत गए। पहली बार पवन सिंह को जनता का अपार जन समर्थन मिला जिससे उनका हौसला बुलंद है। यह लेख लिखे जाने तक पवन सिंह को लेकर एक और खबर आई है की अब वो अपने जनता के बीच आशीर्वाद यात्रा लेकर जाएंगे और सबका आशीर्वाद लेंगे।
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