सबलोग
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Feb- 2020 -29 Februaryराजनीति
नेताओं की बेलगाम बयानबाजी
गौतम एस.आर. चुनाव के आते ही नारों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। नारो के सहारे ही राजनीतिक दल वोट साधने की कोशिश करते है और कई न कई यही नारे पाट्री की पहचान भी बन जाते…
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25 Februaryहरियाणा
हरियाणा की आबकारी नीति : झूठ और सच का खेल
दीपकमल सहारन हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और आबकारी एवं कराधान मंत्री दुष्यंत चौटाला ने जब नई आबकारी नीति पेश की तो सियासी गलियारों में इसे लेकर जोरदार बयानबाजी होने लगी. विपक्ष के तमाम नेता, यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री…
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25 Februaryप्रेस रिलीज़
चीन और भारत के इतिहास वंदना राग की किताब ‘बिसात पर जुगनू’ का लोकार्पण
भारत और चीन के इतिहास को जोड़ता ऐतिहासिक उपन्यास। समय के मलबे में दबी पटना क़लम चित्र-शैली की कहानी कहती है बिसात पर जुगनू। इस उपन्यास में गहरे शोध और ऐतिहासिक अन्तर्दृष्टि के साथ-साथ इतिहास के कई विलुप्त अध्याय…
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25 Februaryशख्सियत
समाज सृजन में दादा मुन्ना दास का योगदान और महत्त्व
25 फरवरी जन्म दिवस विशेष लक्ष्मी नारायण लहरे समाज में फैली कुरितीयों को लेकर रचनाकार उस अंतिम ब्यक्ति के साथ होता है जहाॅं पर हर किसी का वश नहीं चलता और उस लडाई में लेखनी से संवेदनशीलता दिखाने…
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24 Februaryसामयिक
नागरिक को नजर अंदाज करने का हुनर
शैलेन्द्र चौहान फ्रेंच लेखक अल्बेयर कामू ने एक बार लिखा था, “मैं अपने देश को इतना प्यार करता हूँ कि मैं राष्ट्रवादी नहीं हो सकता|” कामू के ये शब्द भारत के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में प्रासंगिक मालूम पड़ते हैं|…
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20 Februaryआवरण कथा
रसखान छुपाकर क्या रखना
अनुज लुगुन मुरलीधर की धरती में रसखान छुपाकर क्या रखना यह शेर गया में एक स्कूल की छोटी बच्ची ने पढ़ा था| नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ की तरह ही गया के शांति…
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19 Februaryपुस्तक-समीक्षा
आर्थिक स्वतन्त्रता के बिना स्त्री स्वतन्त्र नहीं
एकता वर्मा सुजाता : एक बटा दो. पृष्ठ- 135, नई दिल्ली : राजकमल प्रकाशन, 2019. मूल्य- 125/- आर्थिक स्वतन्त्रता के बिना स्त्री स्वतन्त्र नहीं हो सकती – महादेवी वर्मा स्त्री की स्वतन्त्रता की पहली सीढ़ी है कि वह आर्थिक…
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18 Februaryआवरण कथा
छद्म धर्मनिरपेक्षता और नागरिकता का सवाल
शिवदयाल बँटवारा उनसे पूछ कर नहीं किया गया था। बँटवारा कैसा और किसका, वे अब तक नहीं जान रहे थे, लेकिन एक सुबह उनका देश बदल गया था, नागरिकता बदल गयी थी। सिलहट और चटगांव से लेकर पेशावर…
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14 Februaryसामयिक
विएतनाम, वेलेंटाइन और अकेलापन
सुशील उपाध्याय आप किसी क्लब में होते हैं तो डांस फ्लोर पर होना अच्छा लगता है, लेकिन जब डांस फ्लोर पर अकेले होते हैं तो यह उतना ही कठिन हो जाता है। दुनिया भर में ट्रेंड है कि…
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14 Februaryसामयिक
आखिर क्या है प्रेम ?
सलिल सरोज क्या प्रेम कोई आकर्षण है, दैहिक आसक्ति है, सम्भोग की इच्छा है, पल दो पल का जुड़ाव है, या बिना कुछ बोले या कहे भी एक दुसरे के लिए जीने-मरने की कवायद है या इन सब…
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