राजेन्द्र रवि
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Sep- 2024 -24 Septemberशहरनामा
परिदृश्य से अदृश्य होता शहरी खेती
प्रकृति और समुदाय के साथ सीधे टकराव पर टिकी हुई मौजूदा राजनीतिक-आर्थिक व्यवस्था ने हमें भोजन, ऊर्जा, घर, पर्यावरण, आर्थिकी का मिलाजुला संकट थमा दिया है, जिसके चलते लोगों में इस बात को लेकर घबराहट का होना वाजिब है…
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