
कैंसर से जिंदगी की जंग हार गए रामचेत मोची, राहुल गांधी करा रहे थे इलाज
उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर जिले के रामचेत मोची का मंगलवार को निधन हो गया। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे रामचेत मोची जिंदगी की जंग हार गए। उन्होनें मंगलवार (11 नवंबर) सुबह करीब 4 बजे अंतिम सांस ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से रामचेत का एक खास रिश्ता था। उनके निधन पर राहुल गांधी ने दुख जताया और रामचेत मोची के परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
कौन थे रामचेत मोची ?
सुल्तानपुर जिले के कूरेभार के ढेसरुआ गांव निवासी रामचेत मोची जूते- चप्पल सिलाई का काम करते थे। सुल्तानपुर के ही विधायक नगर चौराहे पर रामचेत की एक छोटी सी गुमटी थी। जहां वह पूरी ईमानदारी से अपना काम करते थे।
लेकिन रामचेत मोची तब चर्चा में आए, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनकी मुलाकात हुई। करीब 1 साल पहले हुई इस मुलाकात ने रामचेत मोची को मशहूर कर दिया। 26 जुलाई 2024 को हुई इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने रामचेत की काफी मदद की और उनके लिए एक सिलाई मशीन भी भेजी थी। जिसके बाद रामचेत का कारोबार चलने लगा था। लेकिन 11 नवम्बर की सुबह रामचेत लंबी बीमारी के चलते जिंदगी की जंग हार गए।

1 साल पहले हुई थी राहुल गांधी से मुलाकात
ये साल था 2024 और इसी साल जुलाई महीने की 26 तारीख को कांग्रेस नेता राहुल गांधी सुल्तानपुर से लखनऊ लौट रहे थे। दरअसल सुल्तानपुर दिवानी न्यायालय में मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को पेश होना था। 26 जुलाई को वह न्यायालय में पेश हुए और फिर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से लखनऊ लौट रहे थे। तभी उनकी नजर विधायक नगर चौराहे पर स्थित उस गुमटी पर पड़ी, जहां रामचेत जूते- चप्पल सिलने का काम कर रहे थे। उसी समय राहुल गांधी वहां रूके और रामचेत की गुमटी पर जाकर उनसे बातचीत की।
राहुल गांधी ने दी सिलाई मशीन
इस दौरान राहुल गांधी ने रामचेत से खुद एक चप्पल और जूते की सिलाई करवाई थी। इसके साथ ही राहुल गांधी ने रामचेत से उनकी जीविका के बारे में भी बात की। इस मुलाकात के कुछ दिनों बाद राहुल ने रामचेत को सिलाई मशीन भिजवाई, जिससे उनका कारोबार बढ़ने लगा। रामचेत ने बताया था कि पहले उनकी दैनिक आय मात्र 100-150 रुपये थी, लेकिन मशीन से यह हजारों में पहुंच गई थी।

प्रयागराज में चल रहा था इलाज
राहुल गांधी ने उनकी आर्थिक मदद की और उनका व्यवसाय अच्छा चलने लगा था। लेकिन कुछ महीने पहले उनकी सेहत खराब हो गई। रामचेत ने अपनी बिगड़ती तबीयत की जानकारी राहुल गांधी को दी। इसके बाद राहुल गांधी की टीम ने उन्हें अमेठी के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल ले जाकर जांच कराई।
जहां गले में माउथ कैंसर की पुष्टि हुई। हालत गंभीर होने पर उन्हें प्रयागराज के कमला नेहरू कैंसर इंस्टीट्यूट रेफर किया गया। वहां चार कीमोथेरेपी सत्र दिए गए, जिससे गले की गिल्टी तो खत्म हो गई, लेकिन इलाज के साइड इफेक्ट्स से रामचेत चारपाई से लग गए। जिसके बाद 11 नवंबर 2025 को उनका निधन हो गया।
राहुल गांधी ने जताया दुख
रामचेत की निधन की जानकारी उनके बेटे ने राहुल गांधी को मंगलवार सुबह करीब 8:00 बजे दी। राहुल गांधी ने दुख व्यक्त किया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। साथ ही कहा कि हमारे कार्यकर्ता आपके साथ हैं।










