सड़क पर सुरक्षा और भारत बना विश्व विजेता
अनअकैडमी रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के फाइनल में भारत ने श्रीलंका को 14 रनों से हरा जीत दर्ज की है। फाइनल में हमें वह सब देखने को मिला जिसकी एक क्रिकेट प्रेमी को दिली इच्छा होती है।
दिलशान, जयसूर्या, थरंगा, हेराथ जैसे सितारों से सजी श्रीलंका लीजेंड्स ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। सचिन, युवराज और युसुफ पठान की बेहतरीन बल्लेबाजी के दम पर भारत ने श्रीलंका के सामने बीस ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर 181 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा किया। जीत के लिए 182 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका लीजेंड्स निर्धारित ओवरों में 167 रन ही बना सकी। भारत की ओर से पठान बन्धुओं ने दो-दो विकेट लिए।
कोरोना काल की वज़ह से आधी-अधूरी छोड़ी गई यह सीरीज़ अब अच्छे खासे दर्शकों के बीच खेली गई और खिलाड़ियों के बीच भी अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, भारत और श्रीलंका की टीमें कोरोना महामारी के प्रकोप के बावजूद अपने बेहतरीन पूर्व क्रिकेटरों के साथ इस सीरीज़ में उतरी थी। खिलाड़ियों के लिए यह अपनी फिटनेस दिखाने का बेहतरीन मौका था या यूं कहें कि इस सीरीज़ के बहाने पूर्व महान खिलाड़ी खुद को भविष्य में भी फ़िट रख सकते हैं। लारा और सचिन जैसे महान खिलाड़ियों के मेल मिलाप का भी यह सीरीज़ एक सहारा बनी।
आने वाले सालों में क्रिकेट की दिग्गज टीमों के साथ उनके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के इस सीरीज़ से जुड़ने की उम्मीद लगाई जा सकती है पर तब तक महान सचिन की अगुवाई में जीती गई इस सीरीज़ का जश्न मनाया जा सकता है।
सीरीज़ का मूल उद्देश्य भारत में सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना था। प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटना में मर रहे लाखों लोगों के परिवार थोड़ा कुरेदने पर हमें सड़क पर बेतरतीब या असुरक्षित होकर चलने के नुकसान बख़ूबी बता सकते हैं। जिस तरह से दबाव को झेल भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने इस पूरी सीरीज़ में विपक्षी टीम के विकेट लिए हैं या उनके खिलाफ़ छक्के, चौके मारे हैं ठीक उसी तरह हर भारतीय को सड़क पर आते ही सतर्कता और सावधानी के साथ चलना चाहिए।
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