शहर

रोशनियों और सोने का शहर: दुबई  – नीरजा देसवाल

 

  • नीरजा देसवाल

 

अपने लगातार बढते आकर्षणों के कारण दुबई आज दुनिया-भर के पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बना हुआ है| भारतीय पर्यटक यहाँ खूब घूमने जाते हैं| फारस की खाड़ी के तट पर स्थित दुबई मध्य-पूर्व एशिया के देश संयुक्त-राज्य-अमीरात के सात अमीरातों (राज्यों) में से एक है| देश की राजधानी अबु धाबी है, लेकिन सबसे बड़ा शहर दुबई ही है| 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक दुबई ईरान से आने-जाने वाले विदेशी व्यापारियों के लिए भौगोलिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था| 1971 में दुबई, अबु धाबी और पाँच अन्य अमीरात के साथ मिलकर संयुक्त-अरब-अमीरात की स्थापना हुई| 1973 में, सभी अमीरातों ने एक समान मुद्रा ‘दिरहम’ अपनाई| इसी दशक में तेल की खोज होने के कारण दुबई शहर में अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियों का आगमन हुआ|1990 के खाड़ी युद्ध के बाद, बढ़ी हुई तेल की कीमतों ने दुबई को मुक्त व्यापार और पर्यटन पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया। 2002 से निजी संपत्ति की वृद्धि ने दुबई को आर्थिक रूप से मजबूत बना दिया| इसके बाद दुबई ने विकास की जो रफ़्तार पकड़ी वह सारी दुनिया के सामने है|

वर्तमान दुबई सरकार संवैधानिक राजशाही ढाँचे के भीतर संचालित होने के कारण अल मकतौम परिवार द्वारा शासित है। मौजूदा शासक मोहम्मद बिन रशीद अल मकतौम संयुक्त-अरब-अमीरात के प्रधानमन्त्री हैं| उदारवादी इस्लामिक राज्य होने के चलते यहाँ के नियम और कानून बाकी अमीरातों से अपेक्षाकृत अलग और खुले विचारों वाले हैं| विदेशी पर्यटकों में इसकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यही है| रोचक बात यह है कि कुल जनसंख्या का केवल 15% ही स्थानीय अमीराती नागरिक हैं, शेष 85% प्रवासी हैं जिनमें अधिकांश एशियाई मूल के हैं| यहाँ की आधिकारिक भाषा अरबी है, लेकिन अंग्रेजी, हिन्दी और उर्दू भी व्यापक तौर पर बोली-समझी जाती हैं| यहाँ सप्ताहांत शुक्रवार-शनिवार को और रविवार से नये हफ्ते का आरम्भ होता है| दुबई की जलवायु गर्म और शुष्क है| साल-भर गर्मी-का-सा ही मौसम रहता है| इस जानकारी से लैस होकर हमने यात्रा की तैयारी की| अंदेशा था कि मौसम गर्म होगा, इसलिए सनस्क्रीन और छाता सबसे पहले पैक किया| लेकिन मौसम के देवता हमारे साथ थे| जब हम दुबई एअरपोर्ट से बाहर निकले तो बदल छाये हुए थे और हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी|

शाम को दुबई शहर से रू-ब-रू होने के लिए स्थानीय नागरिकों के मशहूर बाज़ार दुबई क्रीक के लिए निकल पड़े| मेवों और मसालों की खुशबू से बाज़ार की तंग गलियाँ महक रही थी| मुस्कुराते हुए दुकानदार ग्राहकों को लुभाने की कोशिश कर रहे थे| एकबारगी अलादीन के आगराबाह जैसा आभास हुआ!

दुबई संग्रहालय एक दर्शनीय जगह है| यहाँ सोने के धागे से की गयी कढ़ाईवाले कालीन, जिनमें कीमती पत्थर जड़े होते हैं, देखने को मिले| अद्भुत और बेशकीमती कला! शाम को मरीना क्रूज़ की छत पर ठंडी हवा का आनंद लेने के बाद रात में दुबई की जगमगाती इमारतों को देखना अपने-आप में शानदार दृश्य था! मानव-निर्मित इमारतों और तेज़ रोशनियों के बीच, चाँद और तारों की चमक फीकी थी|

मिरेकल गार्डन (miracle garden) और स्की दुबई (ski dubai ) पर्यटकों में खासा लोकप्रिय है| स्की दुबई स्विट्ज़रलैंड के माउंट तितलीस पहाड़ की तर्ज़ पर बना है| रेगिस्तान के बीचों-बीच बर्फ की चोटियाँ और वादियाँ! बाहर तापमान 40 डिग्री और अन्दर -1 डिग्री सेल्सियस! सच में, दुबई में चमत्कार कभी ख़त्म नहीं होते! मिरेकल गार्डन भी ऐसा ही चमत्कार था| दुनिया के हर कोने से लाये गए- हर रंग, आकार और खुशबू के फूल यहाँ अपनी इन्द्रधनुषी छटा बिखेरते हुए देखे जा सकते हैं| इन पौधों को ‘ड्रिप इरीगेशन’ की मदद से हरा भरा रखा जाता है|

संयुक्त-राज्य-अमीरात की राजधानी अबु धाबी में सफ़ेद संगमरमर में तराशी हुयी ‘ग्रैंड मोसक’ वास्तुकला का अद्भुत नमूना है| मस्ज़िद की दीवारों पर की गयी महीन नक्काशी और छत से लटकते आलिशान झूमर विस्मित कर देते हैं| मस्ज़िद में प्रवेश करने के लिए महिलाओं की अरब की परंपरागत पोशाक अबाया’पहनना जरूरी है| अबू धाबी में आर्ट गैलरी, यास वाटर पार्क और फेरारी वर्ल्ड एडवेंचर पार्क बच्चों के लिए मज़ेदार जगह है| फेरारी वर्ल्ड में दुनिया के कई सबसे तेज़ और ऊँचे झूले हैं जिनकी रफ़्तार हवा से बातें करती है|

दुबई का बुर्ज़-अल-अरब होटल दुनिया के सबसे महंगे होटलों में शुमार है| दुबई मॉल भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मॉल है| दुबई की शान बुर्ज़ खलीफा और फाउंटेन शो है| यह फाउंटेन शो बॉलीवुड की‘हैप्पी न्यू इयर फिल्म में भी दिखाया गया है| फाउंटेन को देखकर ऐसा लगता है मानों पानी की सतह पर रंग-बिरंगी जलपरियाँ नाच रही हों! बुर्ज़ खलीफा  दुनिया की सबसे ऊँची इमारत है| 828 मीटर ऊँची, यह गगनचुम्बी इमारत दुबई की शान है| पर्यटकों को इसकी 124-125वीं मंजिल तक जाने की अनुमति है| इतनी ऊंचाई से जगमगाते शहर का नज़ारा देखना, अपने-आप में एक अविस्मरणीय अनुभव है|

पर्यटक यहाँ डेजर्ट सफारी जरूर करते हैं| हम जब पहुँचे तभी बारिश होकर रुकी थी, इसलिए मौसम बेहद सुहावना था| ढलते सूरज की रोशनी में रेगिस्तान के टाइल सुनहरे चमक रहे थे| यहाँ dune bashing बड़ा रोमांचक अनुभव है! रात को डेजर्ट कैंप में अरबी संगीत, नृत्य, कलाबाजिओं और भोजन का आनंद भी उठाया जा सकता है|

दुबई का प्रसिद्ध पाम जुमेरह होटल अटलांटिस बचपन की कहानियों में सुने खोये शहर  अटलांटिस से प्रेरित है| इस होटल का निर्माण तट से पाँच किलोमीटर दूर, एक मानव-निर्मित टापू पर किया गया है, जिसका आकार खजूर(Palm) वृक्ष के जैसा है| यह द्वीप भी अपने-आप में एक अलग दुनिया है| होटल का हर गलियारा और कोना- सुन्दरता, कला और शानोशौकत की मिसाल है| इन्सान पैसे द्वारा जो सुविधा और मनोरंजन खरीद सकता है, वे सब यहाँ उपलब्ध हैं|

फिलहाल दुबई  में अगले वर्ष होने वाले‘एक्सपो 2020’की तैयारी  जोर-शोर से चल रही है| इस एक्सपो में दुबई अपने नये रूप से दुनिया को चकाचोंध कर देगा, जिसमें कहीं अधिक आधुनिक, विकसित और गगनचुम्बी इमारतों वाले दुबई का अनावरण होगा ताकि इसे ‘अल्टीमेट टूरिस्ट और बिज़नस डेस्टिनेशन’समझा जाये|

दुबई को ‘अतिश्योक्तियों का शहर’ कहने में कोई गुरेज नहीं है| सबसे बड़ी, सबसे ऊँची, सबसे महंगी, सबसे शानदार, सबसे तेज़- ऐसे विशेषण यहाँ बार-बार सुनने को मिलते ही रहते हैं| लेकिन सिर्फ पैसे की चमक दुनिया-भर के पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर सकती| मेजबानों का आतिथेय-भाव यात्रा को यादगार बनाता है| यहाँ के निवासी विनम्र और समय के पाबंद हैं| साथ ही, यह आधुनिक, गतिशील और उदार विचारधारा वाला शहर है| परम्पराओं और नवीनता के बीच बखूबी संतुलन दुबई की पहचान है जो विश्व-भर के पर्यटकों में इसकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण भी है|

दिल्ली विश्वविद्यालय के अदिति महाविद्यालय में अंग्रेजी की प्राध्यापिका है|

सम्पर्क- +919810214336, neerdesw@gmail.com

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लोक चेतना का राष्ट्रीय मासिक सम्पादक- किशन कालजयी
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