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Dec- 2017 -17 Decemberचर्चा में
कांग्रेस में अब राहुल की नई पारी
देश के दो राज्यों के चुनाव बाद सर्वेक्षण में भले ही कांग्रेस को हार की संभावना के समीप रखा गया है, लेकिन कांग्रेस मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं का जो जोश दिखाई दिया, उससे यह तो कहा जा सकता है कि कांग्रेस…
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15 DecemberUncategorized
पैड-मैन कोई बैड-मैन नहीं, गुड मैन है जनाब!
अक्षय कुमार की फ़िल्म पैड मैन का शानदार ट्रेलर ट्विटर पर देखा। इस फ़िल्म का निर्देशन मशहूर ऐड फ़िल्म मेकर आर. बाल्की ने किया है, जिन्होंने अमिताभ बच्चन को लेकर पा जैसी संवेदनशील फ़िल्म बनाई थी। क्या है पैडमैन की…
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13 Decemberचर्चा में
बोलने का बदलता सामाजिक-दायरा और भाषा
राजनीति राष्ट्रीय आत्मसम्मान की रीढ़ है। इस रीढ़ की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए जनप्रतिनिधियों का चुनाव होता है। देश अपने राजनेता पर गर्व करता है जब उसका नेता सार्वजनिक रूप से बोल रहा होता है; कहीं किसी को सम्बोधित…
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11 Decemberक्रन्तिनामा
क्रान्तिनामा : उल्लासकर दत्त – पागल होकर मरने वाले क्रांतिकारी
काला पानी जाने वाले क्रांतिकारियों में उल्लासकर दत्त अनोखे जीवट के व्यक्ति थे। ‘अलीपुर शड्यंत्र’ मामले में पहले उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी लेकिन अपील में उसे घटाकर आजीवन काले पानी में तब्दील कर दिया गया। आज कौन…
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11 Decemberआवरण कथा
ग्लोबलाइजेशन की तार्किक परिणति
आज पूरी दुनिया के अधिकांश देश एक ध्रुवीय अर्थव्यवस्था की तरह एक ध्रुवीय राजनीति की तरफ बढ़ रहे हैं। खास कर, वैसे लोकतांत्रिक देश, जो पूंजीवादी अर्थव्यवस्था से संचालित होते हैं। इस तरह की प्रक्रिया 20वीं शताब्दी के 90 के…
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10 Decemberआत्मकथ्य
आत्मकथ्य : स्त्री मन की अनकही कथा
मेरी दिनचर्या में मेरे बच्चे मेरी सांत्वना थे और मेरे जीवन का मुख्यतर पक्ष भी। सुबह प्रार्थना करते समय हवन, मंत्र और संध्या के मंत्र ऊंचे स्वर में उच्चारित करती जिससे वह सुने और छुट्टी के दिन उन्हें अपनी पूजा…
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10 Decemberअंतरराष्ट्रीय
राष्ट्रीयता का चुनाव : कैटालोनिया का संकट : दूसरे देशों के लिए भी सबक
यूरोप में राष्ट्रीयता के सवालों के बारे में माना जाता है कि वे अब तक मुकाम पर पहुंच गए हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि इस वजब से अब भी संघर्ष और हिंसा हो रही है. खास तौर पर उन…
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10 DecemberUncategorized
मुद्दा : आदिवासियों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने की कवायद
समांतर सिनेमा के दौर में यथार्थवादी फिल्म बनाने वाले निर्देशकों और निर्माताओं की एक आम शिकायत हुआ करती थी कि उनकी फिल्में पुरस्कार तो खूब बटोर ले जाती थीं लेकिन जिनके लिए वे मूलत: बनाई गई होती थीं, अपने उन…
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10 December
शख्सियत : पं. अनोखे लाल की स्मृति में
बनारस पुरातन काल से संस्कृति एवं संगीत का प्रधान केन्द्र रहा है। तबला वादन में बनारस घराना जग प्रसिद्ध है। यहां एक से एक उदभट्ट तबलावादक हुए हैं जिन्होंने देश विदेश में भारत के गौरव में वृद्धि की है। उसी…
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10 Decemberस्तम्भ
नाटक : एकल का वृहद संसार
अब एकल कोई अंजान शब्द नहीं रहा। आये दिन नगरों-महानगरों व राजधानियों में एकल मंचित होते रहते हैं। पिछले कुछ नाट्य महोत्सवों में तो एकल प्रस्तुतियों की भरमार रही । अब तो इसका एक क्रेज़ सा बन गया है। हर…
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