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6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई अमित शाह की बैठक, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

हरियाणा के फरीदाबाद में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की। इस बैठक में अमित शाह के अलावा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

बीते सोमवार को हुई इस बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, संघ शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और लद्दाख के उप-राज्यपाल कविंदर गुप्ता के अलावा इन राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों के वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव/ सलाहकार और राज्य सरकारों तथा केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस दौरान अमित शाह ने कहा कि अभी भी महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में जल्द सजा दिलाने में विलंब, कुपोषण और ठिगनापन (Stunting) जैसी कई समस्याएं हैं। जिनसे देश को मुक्त करने की जरूरत है। अमित शाह ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच पर बल देते हुए कहा कि ऐसे घृणित अपराध को कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसके लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) की संख्या बढ़ाई जाए।

मछली पालन बन सकता है रोजगार का माध्यम- अमित शाह 

उन्होनें कहा, सहकारिता, कृषि और मछली पालन रोजगार प्रदान करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन सकते हैं। सहकारिता, कृषि और मछली पालन से गरीबी दूर हो रही है और रोजगार बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावना है। सकल घरेलू उत्पाद के साथ रोजगार, खासकर स्वरोजगार में वृद्धि से ही हम एक विकसित भारत के स्वपन को साकार कर सकते हैं। सिर्फ जीडीपी देश की समृद्धि का परिचायक नहीं होता बल्कि समृद्धि तभी मानी जाती है, जब हर व्यक्ति गरीबी रेखा से ऊपर आ जाता है।

उन्होने कहा हमारा लक्ष्य स्पष्ट है – Regional Strength के साथ National Progress और हर क्षेत्र में भारत की Global Leadership, जो हमें महान भारत की रचना की ओर ले जाती है। सभी राज्य जल संसाधन प्रबंधन और पानी की समस्या दूर करने के लिए आपसी समन्वय से काम करें।

तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर अमित शाह ने क्या कहा ?

इसके अलावा तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इन नए कानूनों को लागू करने से काफी सकारात्मक नतीजे मिले हैं। नए कानूनों के तहत दोष-सिद्धि की दर में लगभग 25 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और दोषियों को समय पर सजा भी मिली है। इन कानूनों के प्रभावी अमल के लिए राज्य सरकारों को और अधिक प्रयास करने चाहिए। साथ ही, गृह मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से जांच और फॉरेंसिक एनालिसिस से लेकर न्यायालयों को ऑनलाइन जोड़ने तक तकनीक को अपग्रेड करने का अनुरोध किया।

बैठक में अमित शाह ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के अभियान में राजस्थान के योगदान की सराहना भी की। उन्होनें कहा कि सभी राज्यों को मिलेट्स के उत्पादन और प्रयोग को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकारों से मिलेट्स को गरीबों को हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज दिए जाने की योजना का हिस्सा बनाने की अपील की और कहा कि इससे मिलेट्स का उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही नई पीढ़ी को मिलेट्स खाने की आदत पड़ेगी और लोगों की सेहत भी अच्छी रहेगी।

बीते सोमवार को हुई इस बैठक में सदस्य राज्यों के साथ-साथ देश के लिए कई अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव के नियत दायरे में ब्रिक-एण्ड-मोर्टार बैंकिंग की उपलब्धता, जल बँटवारे, पर्यावरण, उच्च शिक्षा आदि से जुड़े मुद्दे, आपातकालीन सहायता प्रणाली (ERSS-112) तथा क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दे शामिल थे।

SYL को लेकर पंजाब से किया आग्रह

वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक के महत्वपूर्ण एजेंडा मदों पर चर्चा के दौरान कहा कि सभी राज्यों के पानी के हिस्से को संबंधित राज्य तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। हरियाणा लगातार दिल्ली को उसके हिस्से से अधिक पानी अपने हिस्से से देता रहा है। जबकि SYL न बनने के कारण हरियाणा को पंजाब से अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल रहा है। अगर SYL के रास्ते हरियाणा को अपने हिस्से का पूरा पानी मिलता है, तो राजस्थान को भी उसके हिस्से का पूरा पानी मिल सकेगा। उन्होंने परिषद के माध्यम से पंजाब से आग्रह किया कि जल विवाद पर गुरुओं की महान परंपराओं का ध्यान अवश्य रखा जाए।

पंजाब विश्वविद्यालय को लेकर सीएम नायब सिंह सैनी ने कही ये बात

वही सीएम नायब सिंह सैनी ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार इसमें अपना योगदान करना चाहती है। यदि हरियाणा के कुछ कॉलेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हो जाएंगे, तो हरियाणा के विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय दोनों को लाभ होगा। इसके साथ ही उन्होंने बैठक में हरियाणा की ओर से विश्वास दिलाया कि यमुना के पानी को स्वच्छ रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

 

 

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