पहाड़ मस्त
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हाँ और ना के बीच
यह और वह नशा
‘सूर्य अस्त, पहाड़ मस्त’… इस वाक्य में पर्वतीय जीवन की सच्चाई का एक महत्त्वपूर्ण पहलू छुपा है। अन्य सब बच्चों की तरह पहाड़ के बच्चे भी कंधों पर बस्ते डालकर उछलते-कूदते स्कूल जाते। खेलते-पढ़ते घर के छोटे-मोटे काम करते।…
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