मुक्तेश्वर नाथ तिवारी
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Dec- 2024 -18 Decemberसाहित्य
साहित्य मानव सभ्यता से उलझता है
विजयदेवनारायण साही (1924-1982 ई.) आलोचना की सर्जनात्मक जमीन तोड़ने वाले हिन्दी के विशिष्टतम आलोचक, कवि एवं विचारक थे जिनका यह जन्म शताब्दी वर्ष है। देशकाल की समाजार्थिकी के पृष्ठाधार से और अँगरेजी या पश्चिमी काव्यशास्त्र की पेशेगत सुगमता (अँगरेजी…
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