नीरज कुमार
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Dec- 2020 -27 December
जल-हल-करघा संवाद की आवश्यकता क्यों?
आज दुनिया की सभ्यताओं की विकास को देखें तो पता चलता है कि पूँजी और धार्मिक संस्था सामाजिक व्यवस्था को नियंत्रित किये हुए है। इससे राजनीति और आर्थिक संस्था भी अछूता नहीं है। ऐसे में सभ्यता के क्रमिक विकास…
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Jan- 2019 -15 Januaryआवरण कथा
गंगा मुक्ति आन्दोलन की एतिहासिकता
बिहार के दो बड़े सामाजिक कार्यकर्ता अनिल प्रकाश और रामशरण जी की अगुआई में 22 फरवरी 1982 को संगठित रूप से कहलगांव, भागलपुर, बिहार की धरती से गंगा मुक्ति आंदोलन की शुरुआत होती है. आंदोलन का मुख्य मुद्दा था,…
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