आनंद पाटील
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Jan- 2020 -28 Januaryदेश
‘पार्टनर, तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है?’ : धूमिल नहीं है, अब यह मुक्ति–बोध देश समझ रहा है
[शाहीन बाग़ में एकत्रित भीड़ के मद्देनज़र उठते सवालों की पड़ताल : ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ के मायने क्या हैं? फैजुल हसन ने क्यों कहा – “हम वो कौम से हैं, अगर बर्बाद करने पर आयेंगे तो छोड़ेंगे नहीं।…
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10 Januaryदेश
‘नैरेटिव’ गढ़ता नया दौर और वामपंथ समर्थकों की मानसिकता का सच
(जेएनयू में हिंसा के हवाले से हिंसात्मक होते ‘दिग्भ्रमित’ युवाओं पर विशेष) भारत का एकमात्र ‘सर्वोच्च’ विश्वविद्यालय (जैसा कि सर्वत्र प्रचारित है!) – ‘जेएनयू’ में हुई हिंसा पर हर कोई अपना ‘अनुकूल’ (favourable) पक्ष रख रहा है। मैं नहीं…
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Jun- 2019 -20 Juneधर्म
‘हिन्दुत्ववादी अथवा संघवादी आलोचना’ विशेषोक्ति के विरुद्ध एक ज़िरह
दि. 02 जून, 2019 को ‘सबलोग’ में प्रकाशित डॉ. अमरनाथ जी का लेख ‘हिन्दी की हिन्दुत्ववादी आलोचना’ पढ़ने को मिला। एक बार की मुलाक़ात और दूरभाष पर चार–छह बार के संवादों के साथ डॉ. अमरनाथ मेरे परिचित हैं। हमारे…
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