आनंद प्रधान
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Jun- 2025 -20 Juneमीडिया
बड़ी पूँजी और कार्पोरेटीकरण का दबदबा, जन सरोकारों से बढ़ती दूरी और सिकुड़ता लोकतन्त्र
हिन्दी पत्रकारिता के 200 साल क्या 200 साल की उम्र पूरा करने जा रही और इस लंबे जीवनकाल में अनेकों उतार-चढ़ाव देख चुकी हिन्दी पत्रकारिता का यह ‘स्वर्ण युग’ है? जानेमाने सम्पादक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने 90 के दशक…
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