पठानकोट हमले के बाद एक बार फिर दिल दहला देने वाला शर्मनाक और कायराना आतंकी हमला पुलवामा में हुआ है जिसमें हमारे सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो चुके हैं। सर्च ऑपरेशन और बैठकों का दौर जारी है। जैश ए मोहम्मद नामक कुख्यात आतंकी संगठन ने इस कायराना हमले की ज़िम्मेदारी ली है। इस हमले का मास्टर माइंड ग्लोबल आतंकी मसूद अज़हर है जिसके गुनाहों का घड़ा अब भर चुका है। ये वही मसूद अज़हर है जिसे हमने कंधार घटना के बाद छोड़ दिया था।
आख़िर इस्लाम और मोहम्मद का नाम बदनाम करने वाले इन शैतानों के सरपरस्त कौन लोग और कौन देश हैं इसका खुलासा होना चाहिए। इस्लाम तो जंग पर अमन को इस हद तक वरीयता देता है कि पूरी मुस्लिम उम्मत और यहां तक कि मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को भी अमन की पेशकश कुबूल करने का हुक्म देता है। जिस व्यक्ति ने मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के चाचा की लाश को क्षत विक्षत कर दिया था उसे भी मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने हंसते हुए माफ कर दिया था। फिर ये आतंकवादी किस इस्लाम की बात करते हैं। दरअसल ये मानवता के साथ साथ इस्लाम के भी बहुत बड़े दुश्मन हैं। पूरी दुनिया से इनका सफाया करना ज़रूरी हो गया है।
सवाल ये है कि कौन समझाएगा उन माताओं को जिनके बेटे अब घर वापस नही लौटने वाले , उन पिताओं और भाइयों को जिनके कंधों पर हिमालय जैसी बोझ आ पड़ी है, उन विधवाओं को जिनके मांग में अब सिंदूर नहीं भरने वाला, उन बहनों को जो रक्षाबंधन का अब इंतज़ार नही करने वाली, उन मासूमों को जिनके कंठ सेवन “पापा” शब्द अब नही निकलने वाला। इस दुख की घड़ी में सारा देश अपने शहीद जवानों के परिवार के साथ एकजुट खड़ा है और उनके दुख में बराबर का हिस्सेदार है।
इस आतंकी हमले के बाद कानून-व्यवस्था के मद्देनजर पुरे दक्षिण कश्मीर में मोबाइल इन्टरनेट सेवा बंद कर दी गयी है| वही श्रीनगर जिले में इन्टरनेट की स्पीड को कम कर २जी पर ला दिया गया है|साथ ही पुरे कश्मीर में अलर्ट जारी कर दिया है |
एक अहम सवाल यह भी है कि हमारा इंटेलिजेंस बार बार फेल कैसे हो रहा है या इंटेलिजेंस की रिपोर्टिंग पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है इस पर गंभीरता से मंथन करने की ज़रूरत है। मेरा मानना है कि अब सर्जीकल स्ट्राइक की ज़रुरत नहीं बल्कि सीधे पाकिस्तान के उन क्षेत्रों पर हमले और यलग़ार की ज़रूरत है जहां से भारत विरोधी आतंक की फैक्ट्री संचालित की जा रही है। इस आतंकवादी हमले के ख़िलाफ़ हमसब एक हैं, एकजुट हैं, हमारी संवेदनाएं एकजुट हैं, हम अपने देश के साथ खड़े हैं, अपनी सरकार के साथ खड़े हैं, और अपनी सेना के साथ खड़े हैं।
आत्मघाती हमला जिस गाड़ी से किया गया, उसे चलाने वाले आतंकवादी की पहचान हो गई है। पुलिस के मुताबिक, वह पुलवामा के काकापोरा का रहने वाला आदिल अहमद था। वह 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। जैश ने हमले के बाद उसकी तस्वीर भी जारी की।
⬛हादसे में मारे गए जवानों की पूरी सूची …….
1.जयमाल सिंह- 76 बटालियन
2. नसीर अहमद- 76 बटालियन
3. सुखविंदर सिंह- 76 बटालियन
4. रोहिताश लांबा- 76 बटालियन
5. तिकल राज- 76 बटालियन
6. भागीरथ सिंह- 45 बटालियन
7. बीरेंद्र सिंह- 45 बटालियन
8. अवधेष कुमार यादव- 45 बटालियन
9. नितिन सिंह राठौर- 3 बटालियन
10. रतन कुमार ठाकुर- 45 बटालियन
11. सुरेंद्र यादव- 45 बटालियन
12. संजय कुमार सिंह- 176 बटालियन
13. रामवकील- 176 बटालियन
14. धरमचंद्रा- 176 बटालियन
15. बेलकर ठाका- 176 बटालियन
16. श्याम बाबू- 115 बटालियन
17. अजीत कुमार आजाद- 115 बटालियन
18. प्रदीप सिंह- 115 बटालियन
19. संजय राजपूत- 115 बटालियन
20. कौशल कुमार रावत- 115 बटालियन
21. जीत राम- 92 बटालियन
22. अमित कुमार- 92 बटालियन
23. विजय कुमार मौर्या- 92 बटालियन
24. कुलविंदर सिंह- 92 बटालियन
25. विजय सोरंग- 82 बटालियन
26. वसंत कुमार वीवी- 82 बटालियन
27. गुरु एच- 82 बटालियन
28. सुभम अनिरंग जी- 82 बटालियन
29. अमर कुमार- 75 बटालियन
30. अजय कुमार- 75 बटालियन
31. मनिंदर सिंह- 75 बटालियन
32. रमेश यादव- 61 बटालियन
33. परशाना कुमार साहू- 61 बटालियन
34. हेम राज मीना- 61 बटालियन
35. बबला शंत्रा- 35 बटालियन
36. अश्वनी कुमार कोची- 35 बटालियन
37. प्रदीप कुमार- 21 बटालियन
38. सुधीर कुमार बंशल- 21 बटालियन
39. रविंदर सिंह- 98 बटालियन
40. एम बाशुमातारे- 98 बटालियन
41. महेश कुमार- 118 बटालियन
42. एलएल गुलजार- 118 बटालियन
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लेखक लेखन कार्य में लगभग 20 वर्षों से सक्रीय हैं और राजनीतिक मुद्दों पर बेबाक लिखते है |