गुजरीजी मेरे गाँव मोतिया के ‘धड़कते’ हुए लोगों में से एक हैं
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लोहे की न लोहार की
गुजरी जी को कैसे मिला ऑक्सीजन!
आज फिर फोन आया। गाँव से गुजरीजी फोन पर थे। उन्होंने कहा, “लगता है गाँव में ऑक्सीजन की कमी हो गयी है।” मुझे हैरानी हुई, “ऐसा कैसे हो सकता है?” हताश स्वर में गुजरीजी बोले, “सब कह रहे हैं, पिछले…
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