sanjay dwivedi
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पुस्तक-समीक्षा
पत्रकारिता से साहित्य में चली आई ‘न हन्यते’
आचार्य संजय द्विवेदी की नई किताब ‘न हन्यते’ को खोलने से पहले मन पर एक छाप थी कि पत्रकारिता के आचार्य की पुस्तक है और दिवंगत प्रख्यातों के नाम लिखे स्मृति-लेख हैं, जैसे समाचार पत्रों में संपादकीय पृष्ठ पर…
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प्रेस रिलीज़
‘नैरेटिव’ से ज्यादा जरूरी है ‘सच’: मेजर जनरल कटोच
भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा सीआरपीएफ अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ध्रुव कटोच ने कहा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए ‘नैरेटिव’ से ज्यादा ‘सच’ जरूरी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया…
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शख्सियत
बेमिसाल शिक्षक और जनसरोकारों के लिए जूझने वाली योद्धा दविंदर कौर उप्पल
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में जनसंचार विभाग की अध्यक्ष रहीं प्रो. दविंदर कौर उप्पल का जाना एक ऐसा शून्य रच रहा है, जिसे भर पाना कठिन है। वे एक बेमिसाल अध्यापक थीं, बेहद अनुशासित और…
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मीडिया
भारतीय मीडियाः गरिमा बहाली की चुनौती
संजय द्विवेदी भारतीय मीडिया का यह सबसे त्रासद समय है। छीजते भरोसे के बीच उम्मीद की लौ फिर भी टिमटिमा रही है। उम्मीद है कि भारतीय मीडिया आजादी के आन्दोलन में छिपी अपनी गर्भनाल से एक बार…
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देश
सबसे पहले भारत
प्रो. संजय द्विवेदी हमारे सामाजिक विमर्श में इन दिनों भारतीयता और उसकी पहचान को लेकर बहुत बातचीत हो रही है। वर्तमान समय ‘भारतीय अस्मिता’ के जागरण का समय है। साथ ही यह ‘भारतीयता के पुर्नजागरण’ का भी समय…
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