anil kishore sahay

  • पुस्तक-समीक्षा

    ‘महज़ आदमी’ वह जो खास नहीं, आम है

      अनिल किशोर सहाय चुपचाप काव्य की गलियों में यात्रा करनेवाले साहित्यकार हैं। बिना शोरगुल, दिखावे के कुछ सार्थक रचते रहनेवाले शान्त कवि। लेकिन उनकी कविताएँ बोलती हैं। यह उनकी पुस्तक ‘महज़ आदमी’  से गुजरते हुए महसूस होता रहा।  कार्यक्रम अधिशासी…

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