आनंद कुमार
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आवरण कथा
स्वराज-रचना और राष्ट्रनिर्माण का गाँधी मार्ग
विदेशी गुलामी से स्वतन्त्रता हासिल करने के 75वें वर्ष का उत्सव मनाना एक राष्ट्रीय कर्तव्य है। इस उत्सव वर्ष में इसको याद करना भी हमारी ही जिम्मेदारी है कि आजादी के दीवानों के लिए स्वराज का क्या अर्थ था?…
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आवरण कथा
लोहिया की प्रासंगिकता
डॉ. राममनोहर लोहिया ( 23 मार्च 1910 – 12 अक्टूबर 1967) की 57 बरस की जीवन-यात्रा देश और दुनिया में स्वतन्त्रता, न्याय, लोकतन्त्र, समता और सम्पन्नता की एकजुटता के लिए सम्पूर्ण समर्पण की रोमांचक महागाथा है। उनका जीवन निराशा…
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चर्चा में
प्रशान्त भूषण और न्याय-पालिका
देश की राजनीतिक संस्कृति में संवाद के मंच घटते जा रहे हैं। सहमति के दायरे सिकुड़ रहे हैं। सहयोग के आधार कमजोर हो रहे हैं। सामूहिक हस्तक्षेप उर्फ़ जन-आन्दोलनों का आकर्षण घट रहा है। समाज की राजनीति और अर्थनीति…
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एतिहासिक
‘9 अगस्त 1942 – अँग्रेजों, भारत छोडो!’ : स्वराज के लिए ‘जनक्रान्ति’ की अठहत्तरवीं जयंती
यह सर्वविदित है कि भारत दो सौ बरस तक ब्रिटेन के अधीन रहा और भारत के लोगों को अँग्रेजी राज से अपनी आज़ादी हासिल करने के लिए 1857 से 1947 तक लम्बा अभियान चलाना पड़ा। लेकिन विदेशी राज से…
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आवरण कथा
नागरिक समाज का सत्ताधीशों से सवाल
2020 का साल अविश्वसनीय असंतोष के माहौल में शुरू हुआ है| विद्यार्थियों से शुरू विरोध अब घरेलू महिलाओं तक को समेट चुका है| यह पूछा जाने लगा है कि क्या 1974 वाले हालात होने जा रहे हैं? क्या ऐसा…
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