जेपी
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एतिहासिक
असम्पूर्ण ही रह गई ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’
‘क्रान्ति’ शब्द ध्यान में आते ही सर्वप्रथम आधुनिक काल की सबसे बड़ी क्रान्ति 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति भी ध्यान में आ जाती है जिसने न सिर्फ फ्रांस बल्कि पूरे विश्व में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कई महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों…
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लोकसभा चुनाव
आल्दो आई एम ए कम्युनिस्ट, बट नेवर गौट चांस टू वोट फॉर लेफ्ट – अनीश अंकुर
बेगूसराय चुनाव: एक संस्मरण(भाग -6) 26 अप्रैल को जफर और गालिब कलीम ने साहिबपुर कमाल जाने की बात की। तनवीर हसन का घर भी उसी इलाके में पड़ता है। कम्युनिस्ट पार्टी उस क्षेत्र मे थोड़ी कमजोर मानी जाती…
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आवरण कथा
दलीय लोकतन्त्र, चुनाव और जेपी
साल 1974 के बिहार जनआन्दोलन के क्रान्तिधर्मी एक नारा यह भी लगाते थे-‘तुम जनप्रतिनिधि नहीं रहे हमारे, कुर्सी गद्दी छोड़ दो’। यह नारा आजाद भारत के लोकतान्त्रिक ढांचे के क्षय होने की गहरी और मार्मिक अभिव्यक्ति थी। आखिर क्यों…
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