जन प्रबोधन वामपंथी षड्यंत्रों का मुक्ति मार्ग है
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सामयिक
जन प्रबोधन वामपंथी षड्यंत्रों का मुक्ति मार्ग है
साल 1959! कमजोर मानसून से चावल का उत्पादन बहुत कम हुआ था। बिचौलिओं ने खाद्यान्न का भंडारण कर ब्लैक में ऊंची कीमत पर बेचना शुरू कर दिया था। इससे बेतहाशा मूल्यवृद्धि हुई जिसे रोकने के लिए सरकार ने ‘राइस…
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