छायावादी कवि सुमित्रानंदन पन्त
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पर्यावरण
‘बकस्वाहा की धरती उगलेगी 3.24 करोड़ कैरेट के हीरे’
ओह… धरती को हम कितना देतें हैं! ‘बकस्वाहा की धरती उगलेगी 3.24 करोड़ कैरेट के हीरे’ और इन हीरों के बदले हम धरती को कितना देंगे! लेकिन वो तो माँ हैं उसे कुछ देंगे भी तो अपने पास…
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