छवियाँ एक मृत चीज़
-
सामयिक
आपदा में अवसर की नयी इबादत लिख रहा भारत
हमने अपने मन में हर चीज़ की एक छवि बना ली है। हम छवियों का एक समूह हैं और जीवनपर्यन्त उन छवियों को संतुष्ट करने में लगे रहते हैं, हमने कभी ख़ुद को संतुष्ट नहीं किया अपने भूतकाल को…
Read More »