चुनावी राजनीति
-
राजनीति
चुनावी राजनीति, आदिवासी हित और भाजपा का वर्चस्व
आदिवासी या अनुसूचित जनजाति एक विविधता से भरी हुई श्रेणी है। इससे सम्बन्धित समूह देश के विभिन्न भागों में फैले हुए हैं। इनके बीच भाषा, परम्परा, शारीरिक बनावट, जनसंख्यात्मक स्थिति आदि के आधार पर काफी भिन्नता है। कुछ समूह…
Read More » -
मुद्दा
दलितों को समझना होगा आर्थिक आन्दोलन के मायने – संजय रोकड़े
संजय रोकड़े भारत की सामाजिक संरचना में सबसे निचले पायदान पर जीवन बसर करने वाली अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए अब तक किसी भी दल या सरकार ने ईमानदारी से काम नही किया है। अब तक जितनी…
Read More » -
राजनीति
शिक्षकों को “कागभुशुण्डि” नहीं “जटायु” होना चाहिए – दीपक भास्कर
दीपक भास्कर रामायण, भारत के हिन्दू-धर्म से ज्यादा, भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण है। राम-मंदिर विवाद ने भारत के आम नागरिकों के मुद्दे को लील लिया है। पिछले कई दशकों से, भारत की चुनावी-राजनीति बस इसी पर टिकी…
Read More »