चितरंजन सिंह
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स्मृति शेष
चितरंजन भाई हमेशा हमारे बीच जिन्दा रहेंगे
मोहन सिंह कन्धे पर लटकता झोला, गले में गमछा, कुछ ज्यादा ही पकी छोटी-छोटी हल्की दाढ़ी और हथेली पर मलते-पीटते खैनी के साथ चितरंजन भाई। देखने-सुनने में अति सहज चितरंजन भाई। दबे-कुचले लोगों की मजबूत आवाज चितरंजन भाई।…
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