ग्लोबल गाँव के देवता
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सामयिक
ग्लोबल शोषण के खिलाफ ग्लोबल संघर्ष की प्रस्तावना है ‘ग्लोबल गाँव के देवता’
रणेन्द्र का यह उपन्यास अपने कथानक में स्थानीय से ग्लोबल होते हुए आदिवासियों पर हुए अत्याचार का ऐतिहासिक विवरण देता चलता है जिसकी कड़ी सखुआपाट से होते हुए ट्रेल्स ऑफ फियर, पोकाहांतस तक जुड़ता है। दरअसल इस उपन्यास के…
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