sumitranandan pant
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पर्यावरण
‘बकस्वाहा की धरती उगलेगी 3.24 करोड़ कैरेट के हीरे’
ओह… धरती को हम कितना देतें हैं! ‘बकस्वाहा की धरती उगलेगी 3.24 करोड़ कैरेट के हीरे’ और इन हीरों के बदले हम धरती को कितना देंगे! लेकिन वो तो माँ हैं उसे कुछ देंगे भी तो अपने पास…
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साहित्य
भारत माता ग्रामवासिनी!
इण्टर के विद्यार्थियों को वर्षों से कवि सुमित्रानन्दन की कविता ‘भारत माता ग्रामवासिनी’ पढ़ाते हुए इस बार अर्थ के कुछ और आयाम उद्भासित हुए और साथ ही कुछ सवाल भी। भारत माता ग्रामवासिनी कविता स्वतन्त्रता संघर्ष के दौर की…
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