doodhnath singh

  • चर्चा में

    अलविदा, चिरयुवा साथी दूधनाथ सिंह!

    ‘आख़िरी क़लाम’ जैसे अविस्मरणीय महाकाव्यात्मक उपन्यास और ‘रक्तपात’, ‘रीछ’, ‘धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे’, ‘माई का शोकगीत’ जैसी लम्बे समय तक चर्चा में बनी रहने वाली कहानियों के लेखक, जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय दूधनाथ सिंह नहीं रहे. उनका न रहना…

    Read More »
Back to top button