मानसिक गुलामी

  • शख्सियतलोहिया

    आज गांधी के बाद लोहिया ही सबसे ज्यादा प्रासंगिक है

      महापुरूषों की स्मृति और मूल्यांकन से ही कोई समाज ऊर्जा ग्रहण कर निखर सकता है।  गांधी जी के बाद डॉक्टर राममनोहर लोहिया ही सबसे प्रखर विचारक-चिंतक रहे हैं। अपनी धरती-मिट्टी, उसकी सुगंध से जुड़े हुए है। छिटपुट लेखन-भाषण, सभा-गोष्ठियों…

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  • गांधीवादी आंदोलन

    प्रिया  शर्मा उपभोक्तावादी प्रतिस्पर्धा, हर क्षेत्र में मुनाफा पाने का लोभ, विकास के नाम पर पर्यावरण का विनाश आदि सब हिंसा के अलग-अलग रूपों में सामने आते हैं। सबसे बड़ी हिंसा जो वर्तमान में हो रही है  वह है लोगों…

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