भारत
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आवरण कथा
भारत की पीठ पर बौद्धिक बोझ
‘यदि देश में बुद्धि से काम लेने की आदत छूट गयी है तो सबसे पहले इस घातक आदत के विरुद्ध हमें लड़ाई लड़नी चाहिए और अस्थायी तौर पर अन्य काम छोड़ देने चाहिए। यही आदत हमारा मौलिक अपराध है…
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व्यंग्य
भारत छोड़ो इंडिया लाओ – वेद प्रकाश भारद्वाज
वेद प्रकाश भारद्वाज वह चूँकि अमरीकी है और अंग्रेजी में है तो ज़ाहिर है कि उस पर शक नहीं किया जा सकता। दो सौ साल की विदेशी गुलामी और 70 साल की स्वदेशी गुलामी का इतना असर तो…
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देश
हिन्दी की हिन्दुत्ववादी आलोचना – डॉ. अमरनाथ
डॉ. अमरनाथ जिस प्रकार प्रगतिवादी आलोचना के विकास के पीछे मार्क्सवादी जीवन दर्शन है उसी तरह आधुनिक भारत में हिन्दुत्ववादी आलोचना का भी विकास हुआ है और उसके पीछे हिन्दुत्ववादी जीवन दर्शन है। इस दर्शन का वैचारिक स्रोत…
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लोकसभा चुनाव
यह ‘भारत’ नाम की मूल अवधारणा के लिए लड़ी जा रही लड़ाई है – राहुल गाँधी
दि हिन्दू के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी संदीप फूकन के साथ रोजगार की कमी, कृषि संकट और अर्थ व्यवस्था की स्थिति समेत उन मुद्दों के बारे में बात करते हैं जो 2019 के आम चुनाव को परिभाषित करेंगे।…
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Democracy4you
अंग्रेजों की धर्म व जाति संबंधी समझ से टकराने का नाम है कन्हैया
अंग्रेजों ने भारत पर राज करने के लिए दो श्रेणियों का जमकर इस्तेमाल किया। पहला धर्म, दूसरा जाति। भारतीय समाज की व्याख्या इन्हीं दोनों आधारों पर की गयी। 1857 के बाद तो भारतीय समाज में मौजूद दरारों को अंग्रेजों…
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लोकसभा चुनाव
दिक्कत कन्हैया की जाति से नहीं, उसके वर्ग से है
भाग-3 भारत के सबसे अमीर बीस प्रतिशत में सर्वाधिक अनुपात ओ.बी.सी का पाँच अप्रैल को हिन्दूस्तान टाइम्स, पटना में प्रकाशित रिपोर्ट (व्हाई कास्ट ट्रम्प क्लास इन पॉलिटिकल स्ट्रैटजी) के अनुसार देश के सबसे धनी 20 प्रतिशत लोगों में सबसे…
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राजनीति
शिक्षकों को “कागभुशुण्डि” नहीं “जटायु” होना चाहिए – दीपक भास्कर
दीपक भास्कर रामायण, भारत के हिन्दू-धर्म से ज्यादा, भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण है। राम-मंदिर विवाद ने भारत के आम नागरिकों के मुद्दे को लील लिया है। पिछले कई दशकों से, भारत की चुनावी-राजनीति बस इसी पर टिकी…
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