भरत प्रसाद

  • संस्कृति

    भौतिक चेतना का अकाल

      भरत प्रसाद   ‘संस्कृति’ के प्रति साहसिक, स्वस्थ और परिवर्तनकामी संकल्प का घोर अकाल रहा है- हमारे देश में। हम उसे कभी देवी की तरह देखते हैं, कभी पवित्र आदर्श की तरह तो कभी आदरणीय सत्ता की तरह। इन…

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