पूंजीवाद
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पर्यावरण
इकोसोफी : संकीर्ण आत्म-बोध बनाम विस्तीर्ण आत्म-बोध
संपूर्ण विश्व पर्यावरणीय समस्याओं के उपर गंभीर एवं अतिसुव्यवस्थित बौद्धिक विमर्श कर रहा है और अपने जीवन-मूल्यों, जीवन-पद्धतियों, जीवन- दर्शन आदि को नए सिरे से सूत्रबद्ध करने की कोशिश कर रहा है। फ्रांसीसी दार्शनिक एवं मनोविश्लेषक फेलिक्स गुआटरी एवं…
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आर्थिकी
लोकतन्त्र उत्तरपूँजी का नवराष्ट्रवादी चेहरा हो गया है
भारत के 2019 के लोकसभा चुनावों ने इस बात को साबित कर दिया है कि हम उत्तरपूँजी के वैश्विक खेल की एक कड़ी बनने की स्थिति में आ गये हैं। हम उस दिशा में जा रहे हैं, जिधर अमेरिका…
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