नाट्य शोध संस्थान

  • कोलकाता की हिन्दी रंग-मंडलियाँ

                 अनिल शर्मा   उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशकों में कोलकाता में पारसी रंगमंच की शुरुआत हुई. मूनलाइट, मिनर्वा, कोरेंथियन जैसी व्यावसायिक पारसी कंपनियों द्वारा परोसे नाटक देखने अपार जनता उमड़ती थी. सामाजिक-सरोकारों या सुरुचि-सम्पन्नता…

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