दास्तान-ए-दंगल सिंह
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दास्तान ए दंगल सिंह
दास्तान-ए-दंगल सिंह (105)
(समापन किस्त) बिटिया के ब्याह के बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों में केवल एक बाकी रह गयी थी। माई की सेवा करने का अधिक मौका परिस्थितिवश मुझे मिल रहा था। भैया के आकस्मिक निधन के बाद गाँव में माई के रहने…
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दास्तान ए दंगल सिंह
दास्तान-ए-दंगल सिंह (104)
सृष्टि के रचयिता यूके पर बहुत कृपालु रहे हैं। वहाँ की मिट्टी और जलवायु अपेक्षाकृत अधिक अच्छी है। मिट्टी अत्यंत उपजाऊ है और जलवायु जाड़े के तीन महीनों के सिवा बहुत अनुकूल है। वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के लिए मुफीद…
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दास्तान ए दंगल सिंह
दास्तान-ए-दंगल सिंह (103)
बिटिया के ब्याह में ही सभी बच्चों की उपस्थिति में छहों लोगों के यूके भ्रमण की भूमिका तैयार हो गयी थी। बेटा और बहू डेढ़ साल से इंग्लैंड में थे। जमाई का पासपोर्ट पहले से था। बिटिया और हम…
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दास्तान ए दंगल सिंह
दास्तान-ए-दंगल सिंह (102)
बेटी के बड़ी हो जाने का अहसास माँ को पहले और पिता को बाद में होता है। बल्कि कहना यह चाहिए कि माँ ही पिता को याद दिलाती है कि अब बेटी के विवाह का कर्तव्य पालन करने…
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दास्तान ए दंगल सिंह
दास्तान-ए-दंगल सिंह (101)
बेटे का विवाह निर्विघ्न तय कराने में विधाता का एक और उपकरण बनी थी हमारे विस्तृत परिजन की एक कन्या प्रेरणा। वह मेरी सीनियर विभागीय प्रोफेसर डॉ0 उमा कुमारी मंडल और श्री विश्वनाथ मंडल की बेटी है। उमा…
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दास्तान ए दंगल सिंह
दास्तान-ए-दंगल सिंह (100)
बेटे स्नेह सागर के बीटेक करते ही उसके विवाह के लिए हितैषियों के प्रस्ताव आने लग गये थे। उसने टीसीएस जॉइन कर लिया था, पर उस वेतन में घर बसाने को राजी नहीं था। हम चाहते तो थे किन्तु…
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एतिहासिक
दास्तान-ए-दंगल सिंह (91)
बीएनएम कॉलेज बड़हिया जॉइन करने के बाद मेरा और सुधा का घोर तप या संघर्ष शुरू हो गया था। रात के ढाई बजे घड़ी की एलार्म के साथ हम दोनों बिछावन छोड़ देते। मैं नित्य क्रिया के साथ यात्रा…
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एतिहासिक
दास्तान-ए-दंगल सिंह (52)
पवन कुमार सिंह हमारी मंडली के साथी कोचिंग सेंटर को जमाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे थे। धीरे-धीरे आमदनी बढ़ने के साथ हम आत्मनिर्भर होते जा रहे थे। इसी बीच पाठक जी को गोड्डा कॉलेज से और…
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एतिहासिक
दास्तान -ए-दंगल सिंह (51)
पवन कुमार सिंह एमए के रिजल्ट के बाद पीजी होस्टल के हम लगभग डेढ़ दर्जन मित्रों ने सामूहिक निर्णय लिया कि अब अपने अभिभावकों से खर्चा-पानी नहीं लेंगे। खुद कुछ उपार्जित करने के लिए उद्यम करेंगे। कई दिनों…
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एतिहासिक
दास्तान-ए-दंगल सिंह (42) – पवन कुमार सिंह
पवन कुमार सिंह आन्दोलन का नेतृत्व संभालने के बाद जेपी ने समय-समय पर जो भी आह्वान किये, मैंने एक को छोड़कर सभी का अक्षरशः पालन किया। कुछ का पालन तो अब भी कर रहा हूँ। जेपी के एक…
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