दास्ताँ इ दंगल सिंह
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दास्तान ए दंगल सिंह
दास्तान-ए-दंगल सिंह (95)
मुहल्ले में सात-आठ परिवार ही बस पाये थे। न बिजली का ट्रांसफार्मर लग सका था और न गलियों का पक्कीकरण हो पाया था। इन दोनों कार्यों के लिए लोगों को मुझसे काफी उम्मीदें थीं। बसे हुए सभी लोग बिहार…
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