गाँधी
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आवरण कथा
बेहतर भविष्य में प्रवेश का रास्ता – धर्म पंचायत
संगीतकार टी एम कृष्णा ने एक गौरतलब सवाल उठाया है कि “हमारे स्कूलों, घरों या सांस्कृतिक संस्थाओं में अब ‘सर्वधर्म प्रार्थनाएं’ क्यों नहीं होतीं। तो हम अचानक एक दिन अपने नागरिकों से यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं…
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राजनीति
संघ और गाँधी
यह मानने में न पहले किसी को हिचक थी, न अब है कि गाँधी-हत्या में आरएसएस की हिस्सेदारी थी। स्वयं संघ के लोगों का दैनन्दिन व्यवहार यह साबित करता रहा है। 30 और 31 जनवरी 1948 को संघ की…
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लोकसभा चुनाव
चुनावी बांड योजना : धनपशुओं की देहरी पर नाक रगड़ता लोकतन्त्र – प्रमोद मीणा
हिन्द स्वराज में गाँधी जी ने पश्चिमी ढंग के लोकतन्त्र को लेकर अपना असंतोष बहुत ही तीखे शब्दों में व्यक्त किया है। यहाँ तक कि उनका असंतोष और आक्रोश भाषा की नैतिक मर्यादा भी लांघ जाता है। वे उस…
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आँखन देखी
ऐसे भी जीते हैं लोग
पिछले दिनों पुणे की एक संस्था ‘लोकायत’ ने गाँधी पर एक व्याख्यान देने के लिए मुझे आमन्त्रित किया था. इस व्याख्यान के बहाने मुझे पहली बार पुणे जाने का मौक़ा मिला. इस शहर के बारे में मेरी उत्सुकता काफ़ी…
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