इंदिरा गाँधी
-
शख्सियत
इंदिरा गाँधी : ‘अटल’ की ‘दुर्गा’
आजाद भारत के असली सितारे – 57 “मैं आज यहाँ हूँ। कल शायद यहाँ न रहूँ। मुझे चिंता नहीं मैं रहूँ या न रहूँ। मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना…
Read More » -
शख्सियत
सम्पूर्ण क्रान्ति के शिल्पी : लोकनायक जयप्रकाश नारायण
आजाद भारत के असली सितारे – 12 सक्रिय राजनीति से डेढ़ दशक तक दूर रहने के बाद 1974 में “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।” के नारे के साथ जब मैदान में उतरे तो सारा देश जिनके…
Read More » -
राजनीति
लोकतन्त्र में जनादेश – विमल कुमार
विमल कुमार लोकतन्त्र में जनादेश ही निर्णायक होता है इसलिए उसका सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन यह सच है कि जनादेश कोई अन्तिम सत्य नही होता है| उसकी अवधि सिर्फ पाँच साल की होती है| जनादेश एक खास…
Read More » -
एतिहासिक
दास्तान-ए-दंगल सिंह (41) – पवन कुमार सिंह
पवन कुमार सिंह आपातकाल की समाप्ति के बाद 1977 का आमचुनाव एक बड़े उत्सव की तरह था। 18 जनवरी 1977 को अचानक इमरजेंसी वापस लेकर और आमचुनाव की घोषणा करके इंदिरा जी ने हर खासोआम को चौंका दिया…
Read More » -
एतिहासिक
दास्तान-ए-दंगल सिंह (39)
पवन कुमार सिंह पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ उभरे आक्रामक राष्ट्रवाद के माहौल में बार-बार 1971 के युद्ध की स्मृतियाँ ताजा हो जा रही हैं। भारत ने एकजुट…
Read More » -
दास्तान-ए-दंगल सिंह (38)
पवन कुमार सिंह 8 अप्रैल 1975 को कुर्सेला के साथियों ने सत्याग्रह से जेपी को लाचार करके ऐतिहासिक सभा की थी। पर उन्हें सुनने के लिए जुटी अपार भीड़ को देखकर वे खुश हो गए थे। वापसी में मैं उनके…
Read More »