अशोक मेहता
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स्मृति शेष
हर दिल अज़ीज़ थे प्रोफेसर लाल बहादुर वर्मा
कोरोना काल में देश के जानेमाने इतिहासकार, लेखक प्रो लाल बहादुर वर्मा भी चले गये। 10 जनवरी 1938 को जन्मे प्रोफेसर साहब ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाया, यूरोप से पीएचडी की और फिर यूरोप में रहने का विकल्प होते हुए…
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एतिहासिक
कम्युनिस्टों और समाजवादियों की भारी भूलें
(….पिछले अंक से जारी…..) यह जानना भी दिलचस्प है कि वैसे तो कम्युनिस्टों और सोशलिस्टों ने संविधान सभा का और भारत के लिए नए संविधान निर्माण का बहिष्कार किया था, लेकिन दोनों ही ने इसी संविधान के प्रावधानों के…
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